उत्तर प्रदेश स्थित मेरठ में कमिश्नरी सभागार में कांवड़ यात्रा की तैयारियों के संदर्भ में बैठक हुई. इस बैठक में राज्य के पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा और प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह मौजूद रहे. बैठक में डीजीपी राजीव कृष्णा ने स्पष्ट तौर पर उन लोगों के प्रति सख्ती दिखाई है जो होटलों और ढाबों में चेकिंग को अंजाम दे रहे हैं.
यूपी के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी की उच्च स्तरीय बैठक में पुलिस महानिदेशक ने कहा कि कोई समूह किसी दुकान या ढाबे पर चेक नहीं करेगा. उसके लिए फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट को निर्देशित किया गया है. अलग-अलग राज्यों के अधिकारियों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है अलग-अलग स्थान पर अगर भीड़ बढ़ती है तो उसको लेकर अधिकारियों को अपडेट किया जाएगा.,
उन्होंने कहा कि 75 डेसीबल से ज्यादा डीजे साउंड की तीव्रता नहीं होगी. कांवड़10 फीट ऊंची और 12 फुट से ज्यादा चौड़ी नहीं होनी चाहिए. रुड़की से मुजफ्फरनगर के बीच में कावड़ और डीजे असेंबल होते हैं. वहां के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है अगर कांवरिया डीजे ऊंचा है तो कांवड़ को पहले ही स्थान पर रोका जाएगा और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
प्रमुख सचिव ने क्या कहा?वहीं प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि पीने के पानी, सफाई और खाने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी. शुद्धता के साथ शिविर लगे और ढाबे चलें. सिंचाई विभाग को नहर में संतुलित मात्रा में पानी छोड़ने कहा गया है. कांवड़ नहर पटरी का काम समय से रिपेयर करना है. 700 किलोमीटर में से 25 किलोमीटर का काम बाकी है, दो-तीन दिन में काम पूरा होगा. अलग-अलग कारणों से पूर्व में हुई घटनाओं की समीक्षा की गई है. प्रमुख सचिव ने कहा कि बिजली कारणों से हुई घटनाओं को लेकर बिजली विभाग को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. पोल्स और ट्रांसफॉमर्स पूरी तरीके से कवर्ड होने चाहिए. परमानेंट होटल, ढाबे, शिविर सभी को सफाई और शुद्धता के बारे में प्रशिक्षित करने के आदेश दिए गए हैं.
उन्होंने कहा कि फूड सेफ्टी यह सुनिश्चित कराएगा कि सभी जगह शुद्ध वेजीटेरियन खाना मिले. सभी राज्य के विभागों और सभी राज्यों के संबंधित अधिकारियों के साथ वार्ता हुई है. आगरा, बरेली, मुरादाबाद में 23 तारीख के बाद भी भीड़ रहती है, इसके लिए भी अफसरों को निर्देश दिए गए है.
उन्होंने कहा कि बड़े डीजे शहरों के बाईपास पर ही रखे जाएंगे, उन्हें शहर में नहीं आने दिया जाएगा. पिछले साल कांवड़ियों की संख्या 4 करोड़ थी, इस बार उससे भी ज्यादा होगी. रेलवे के जरिए सफर करने वाले कावड़ियों को लेकर रेलवे अफसरों से बात हुई है, ट्रेन की छत पर कोई सफर नहीं करेगा.