UP BJP State President News: भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड समेत 22 राज्यों में अपने प्रदेश अध्यक्षों के नाम का ऐलान कर दिया है लेकिन उत्तर प्रदेश को लेकर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. भूपेंद्र चौधरी का कार्यकाल खत्म हो गया है ऐसे में अब उनकी जगह पार्टी की कमान किसके हाथ में दी जाएगी इसे लेकर पार्टी में अब तक कोई तस्वीर साफ नहीं हो पा रही है हालांकि कुछ नामों को लेकर चर्चा जरूर हो रही है. माना जा रहा है कि भाजपा किसी पिछड़े या ब्राह्मण समाज से प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है.
उत्तर प्रदेश देश में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाला राज्य हैं. ऐसे में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में देरी की एक वजह इस राज्य के जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को भी माना जा रहा है. भाजपा किसी ऐसे चेहरे की तलाश में जो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की काट बन सके. वहीं एक एंगल इटावा में कथावाचक प्रकरण के बाद ब्राह्मणों की नाराजगी से भी जुड़ गया है. बीजेपी इन्हें साथ लाने के लिए किसी ब्राह्मण चेहरे पर भी दांव लगा सकती है.
ओबीसी या ब्राह्मण किसे मिलेगा मौका?कुल मिलाकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ अब किसी पिछड़े या ब्राह्मण चेहरे पर आकर अटक गई. इस रेस में कुछ नाम भी सामने आ रहे हैं. ब्राह्मण चेहरे के तौर पर पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा का नाम सबसे आगे चल रहा है. जबकि पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी, प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला और पूर्व सांसद सुब्रत पाठक को लेकर भी चर्चाएं तेज हैं. वहीं ओबीसी चेहरों में कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, धर्मपाल सिंह और साध्वी निरंजन ज्योति को भी मौका मिल सकता है.
बीजेपी 2027 के चुनाव को देखते हुए नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर मंथन कर रही है. जिसके जरिये जनता को संदेश दिया जा सके. बताया जा रहा है कि पार्टी ने अभी सारे विकल्प खोले हुए हैं. 10 जुलाई के बाद आखिरी फैसले पर मुहर लगाने की कवायद तेज हो जाएगी. इस बीच प्रदेश में क्षेत्रीय छत्रपों के बीच गोपनीय बैठकों का सिलसिला जारी है. एक चर्चा ये भी है इससे पहले भी प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है.