DA Hike In UP: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने राज्य के 16.35 लाख कर्मचारियों और 11 लाख पेंशनरों के महंगाई भत्ता (DA) में चार प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने ट्वीट भी किया. ट्वीट में उन्होंने लिखा कि यूपी सरकार (UP Government) में सेवारत 16.35 लाख राज्य कर्मचारियों और 11 लाख पेंशनरों के व्यापक हित में, प्रदेश सरकार की ओर से 01 जनवरी, 2023 से देय महंगाई भत्ता के साथ महंगाई राहत की दर (DR) में 4 प्रतिशत बढ़ोतरी करते हुए इसे 38 फीसदी से बढ़ाकर 42 फीसदी करने का फैसला लिया गया है.


इससे पहले सीएम योगी ने राज्य कर्मचारियों और पेंशनरों की डीए बढ़ोतरी वाले प्रस्ताव को मंजूरी दी. ऐसे में यूपी के 16 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और 11 लाख पेंशनरों को बढ़े हुए डीए के साथ सैलरी इसी महीने यानी मई से मिलने लगेगी. यूपी में अब तक राज्यकर्मियों को 38 फीसदी डीए का लाभ मिल रहा था. इसी के साथ डीए एरियर के भुगतान को लेकर भी स्थिति को साफ कर दिया गया है.



केंद्र सरकार ने मार्च में की थी डीए बढ़ाने की घोषणा


बता दें कि बीते 24 मार्च को केंद्र की मोदी सरकार ने भी महंगाई भत्ता बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी. 48 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 70 लाख पेंशनरों के लिए सरकार ने 1 जनवरी, 2023 से पूर्वव्यापी प्रभाव के साथ महंगाई भत्ता और महंगाई राहत में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया था. आधिकारिक सूत्रों ने बताया था कि अतिरिक्त किस्त मूल वेतन या पेंशन के 38 प्रतिशत की मौजूदा दर से 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रतिनिधित्व करेगी, ताकि मूल्य बढ़ोतरी की भरपाई की जा सके.


कैसे की जाती है डीए की गणना?


सूत्रों ने कहा था कि कैबिनेट ने 1 जनवरी, 2023 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को डीए की अतिरिक्त किस्त और पेंशनरों को डीआरए जारी करने की मंजूरी दे दी. डीए और डीआर दोनों के कारण सरकारी खजाने पर संयुक्त प्रभाव 12,815.60 करोड़ रुपये हर साल होगा. यह बढ़ोतरी स्वीकृत फॉर्मूले के अनुसार है, जो 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर आधारित है. डीए की गणना औद्योगिक श्रमिकों के लिए नवीनतम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के अनुसार की जाती है. इसे साल में दो बार समय-समय पर संशोधित किया जाता है और पिछली बार सितंबर 2022 में संशोधित किया गया था, और 1 जुलाई, 2022 से पूर्वव्यापी रूप से प्रभावी था.


ये भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: ममता बनर्जी और नीतीश कुमार को अखिलेश यादव का जवाब, बताया किसके नेतृत्व में लड़ेंगे 2024 चुनाव