Labour Day 2025: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) ने अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर देशभर के श्रमिकों और मजदूरों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि आज के दौर में, जब सरकारों का ध्यान भी व्यापार और मुनाफे की तरफ ज्यादा है, तब श्रमिकों के महत्व को लगातार कम करके आँका जा रहा है. लेकिन इसी बीच श्रमिक वर्ग का शोषण हर स्तर पर जारी है, जिससे मज़दूर दिवस की आवश्यकता और भी बढ़ गई है.

मायावती ने कहा कि आधुनिक दौर में भी मज़दूरों और श्रमिकों की हालत नहीं सुधरी है. चाहे निर्माण कार्य हो, खेतों में काम हो या फिर फैक्ट्रियों में पसीना बहाने की बात हो – हर जगह मजदूर वर्ग को पूरा हक और सम्मान नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में ‘मज़दूर दिवस’ केवल एक प्रतीक भर नहीं, बल्कि उनके संघर्ष की याद दिलाने वाला दिन है.

'श्रमिकों के प्रति संवैधानिक कर्तव्यों को निभाएं सरकारें'उन्होंने देशभर के करोड़ों मजदूरों को विशेषकर महिला श्रमिकों को इस दिन की शुभकामनाएं दीं और कहा कि वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष जारी रखें. मायावती ने यह भी कहा कि सभी सरकारों को चाहिए कि वे मजदूरों और श्रमिकों के प्रति अपने संवैधानिक कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी से निभाएं.

गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस हर साल 1 मई को मनाया जाता है. इसकी शुरुआत 1886 में अमेरिका के शिकागो शहर से हुई थी, जब मजदूरों ने काम के निर्धारित घंटे तय करने और बेहतर श्रम कानूनों की मांग को लेकर आंदोलन किया था. इसके बाद से यह दिन पूरी दुनिया में मजदूरों के सम्मान और अधिकारों की लड़ाई के प्रतीक के रूप में मनाया जाने लगा. मायावती इससे पहले भी श्रमिकों के मुद्दे उठाती रही हैं. उनकी पार्टी बसपा लंबे समय से गरीब, दलित, पिछड़े और श्रमिक वर्ग के हक की आवाज उठाती रही है.

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