Lok Sabha Election 2024 News: भारतीय जनता पार्टी का अल्पसंख्यक मोर्चा प्रदेश के मदरसों और दरगाहो में योग का आयोजन करेगा. इसके अलावा बीजेपी के महा जनसंपर्क अभियान के तहत अल्पसंख्यक मोर्चा प्रदेश में उन 18 लाख से अधिक पीएम आवास योजना के लाभार्थियों तक भी जाएगा जो अल्पसंख्यक समाज से आते हैं. असल मे आगामी लोकसभा चुनाव में मिशन 80 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए बीजेपी की नजर मुस्लिम वोट बैंक पर भी है. इस वोट बैंक को बीजेपी साथ जोड़ने के लिए लगातार पार्टी का अल्पसंख्यक मोर्चा काम करने में लगा है. बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने कहा कि अब एमवाई फैक्टर का मतलब मोदी-योगी सेक्टर और मुस्लिम-योगी फैक्टर है.


बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चे ने 21 जून अंतराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रदेश के काम से कम 900 मदरसों और दरगाहों में योग कराने की योजना पर काम शुरू कर दिया है. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने बताया कि 403 विधानसभाओं में 2-2 कार्यक्रम संयोजक बनाकर और 80 लोकसभा सीटों को लेकर करीब 900 मदरसों दरगाह, खानकाहो में यह कार्यक्रम किया जाएगा. जिसमें बड़ी तादाद में मदरसे के छात्र, उस्ताद, सूफी और सूफी विचारधारा के लोग शामिल होंगे.


योग के अलावा अल्पसंख्यक मोर्चे ने पीएम आवास योजना के लाभार्थियों के घर तक जाने की योजना भी बनाई है. कुंवर बासित अली ने बताया कि लगभग 46 लाख जो आवास उत्तर प्रदेश में मिले लोगों को उनमें 18 लाख के आसपास आवास अल्पसंख्यक लोगों को मिले हैं. उन तक पहुंचना, उनके साथ चाय पर चर्चा करके मोदी-योगी सरकार की नीतियों पर बात की जाएगी. उन्हें पार्टी के साथ जोड़ना भी है.


अब आपको इस पूरे कार्य्रकम के पीछे का समीकरण बताते हैं. असल में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने लगभग 29 लोकसभा सीट ऐसी चिन्हित की हैं जहां मुसलमानों की आबादी काफी है. जहां अल्पसंख्यक मोर्चा का काम अधिक हो सकता. सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, नगीना, बागपत, बरेली, अलीगढ़, लखनऊ, कानपुर, श्रावस्ती, आजमगढ़, वाराणसी, संभल, मुरादाबाद, अमरोहा, कैराना, गौतम बुध नगर, बहराइच, लालगंज, गाजीपुर, मऊ, गोंडा, आगरा, बदायूं, आंवला, शाहजहांपुर, कैसरगंज, रामपुर. 2019 के लोकसभा चुनाव में जिन सीटों पर बीजेपी नही जीत पाई थी उनमें से 12 सीट भी इसमे शामिल हैं. हालांकि इन 12 सीट में रामपुर और आज़मगढ़ उपचुनाव में बीजेपी जीत गयी थी. इसके अलावा लखनऊ, वाराणसी समेत कुछ ऐसी सीट भी हैं जहां बीजेपी मजबूती से रहती है लेकिन यहां मुसलमान वोटर होने के चलते अल्पसंख्यक मोर्चा अपने कार्यक्रम करेगा. जिससे जीत का अंतर पहले से बड़ा हो.


बासित अली ने बताया कि जो सीटें चिन्हित की हैं इन सब जगह हम लाभार्थी सम्मेलन करेंगे. जो बड़ी संख्या में लाभार्थी बने हैं उनसे संपर्क, संवाद किया जाएगा. हम प्रयास करेंगे की वो लोग पीएम मोदी को धन्यवाद पत्र लिखें क्योंकि अल्पसंख्यकों की आबादी 19 फ़ीसदी है जबकि सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों में इन्हें 30 फ़ीसदी हिस्सेदारी मिली है. इस बार हम 80 की 80 लोकसभा सीटें जितने के लिए योजना बना कर काम कर रहे. अल्पसंख्यक समाज का बड़ी तादाद पर वोट बीजेपी को मिलेगा.


सपा के सॉफ्ट हिंदुत्व पर बासित अली ने उठाए सवाल


वहीं सपा के सॉफ्ट हिंदुत्व को लेकर बासित अली ने कहा की जो समाजवादी पार्टी एमवाई फैक्टर पर चलती थी अब वह एमवाई फैक्टर मोदी-योगी फैक्टर है, मुस्लिम और योगी फैक्टर है. पहले मुसलमानों के नाम पर जो योजनाएं चलती थी उनका लाभ मुसलमानों तक नहीं पहुंचा. सपा, बसपा, कांग्रेस के कार्यकर्ता घोटाला करके अपने पास रख लेते थे. लेकिन आज सीधे लाभ मुसलमानों तक पहुंचा है इसलिए मुसलमान बीजेपी के साथ जुड़ रहा है. सपा सिर्फ सपा वोट बैंक की राजनीति करती है और हम लोक कल्याण और गरीब कल्याण की. हारने का जो रिकॉर्ड समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष के नाम है वह इस बार भी बरकरार रहेगा.


आंख में धूल झोंकने में माहिर है बीजेपी


वहीं मदरसों में योग के कार्यक्रम को लेकर सपा के राष्ट्रीय महासचिव व एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा भारतीय जनता पार्टी जनता की आंख में धूल झोंकने में माहिर है. अभी तक मुस्लिम समाज या अन्य अल्पसंख्यकों पर बीजेपी बेपनाह जुल्म, ज्यादती, अत्याचार करती रही है. झूठे एफआईआर कराती रही है, मदरसों की मान्यता खत्म करती रही, मदरसों में पढ़ने वाले सामान्य वर्ग के छात्रों को मदरसे से बाहर निकलवाने का भी आदेश जारी किया. मदरसों को बदनाम करने में बीजेपी ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. अब क्योंकि चुनावी बेला आ गई है तो मदरसों में भी जाएंगे, मजारों पर सजदा भी करेंगे, मुसलमानों को अपना बताकर वोट लेने की कोशिश भी करेंगे. लेकिन बीजेपी का खेल खत्म होने वाला है. उन्होंने पहले इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को भी हिंदू कहकर के वोट तो ले लिए लेकिन सत्ता में आने के बाद सबकी आरक्षण को खत्म कर दिया. यहां तक की आजादी के बाद बीजेपी पहली ऐसी सरकार है जो संविधान प्रदत्त आरक्षण को भी खत्म करने पर तुली है.


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