केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी को यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना को लेकर सियासी गलियारे में हलचल तेज हो गई है. पिछडे़ समाज में इनकी मजबूत पकड़ होने का फायदा मिल सकता है. परंपरागत मत सहेजने के साथ पीडीए कमजोर करने का दांव पार्टी खेल सकती है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने की रेस में यह सबसे आगे हैं.

Continues below advertisement

पंकज चौधरी के घर जाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को सकरी गलियों से पैदल जाना पड़ा था. पीएम मोदी की इस तवज्जो ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में पंकज का कद बढ़ा दिया और कुर्मी बिरादरी में उनकी पकड़ और मजबूत हो गई. जातिय समीकरण को देखते हुए प्रदेश में पिछड़े वर्ग के वोट को सहेजने का प्रयास जारी है. 

पंकज चौधरी का नाम चर्चा में आने से बीजेपी कार्यकर्ताओं में खुशी

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का नाम चर्चा में आने से महराजगंज में भाजपा कार्याकर्ताओं में खुशी है. कार्यकर्ताओं का मानना है कि पंकज चौधरी की पिछड़े समाज में मजबूत पकड़ के अलावा संगठन में इनको लेकर कभी गतिरोध सामने नहीं आया. विरोधी भी इनके व्यक्तित्व की सराहना करते हैं. सात बार सांसद होने के बाद भी जनता से इनकी नजदीकी कम नहीं हुई. संघ से इनकी नजदीकी के साथ ही पार्टी के कैडर वाले नेताओं के भी प्रिय माने जाते हैं. 

Continues below advertisement

नगर निगम के पार्षद के तौर राजनीति में रखा था कदम

गोरखपुर के उद्योगपति स्वर्गीय भगवती चौधरी एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष उज्ज्वल चौधरी के छोटे सुपुत्र पंकज चौधरी ने गोरखपुर नगर निगम के पार्षद के तौर पर 1989 में राजनीति का सफर शुरू किया. 15 नवंबर 1964 में गोरखपुर के उद्योगपति परिवार में जन्मे पंकज चौधरी की शिक्षा शिक्षा गोरखपुर विश्वविद्यालय से हुई है. वर्ष 1990 में ही भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्य समिति सदस्य हुए. 

1991 में पहली बार महाराजगंज से चुने गए थे सांसद

इसके बाद वे10 वीं लोकसभा में वर्ष 1991 में महराजगंज संसदीय सीट से भाजपा के सिम्बल पर सांसद चुने गए. 11 वीं और 12 वीं लोकसभा में वर्ष 1996, 1998 में सांसद चुने गए. 1999 में सपा के अखिलेश से हार मिली, 2004 में पुनः निर्वाचित हुए. 2009 में कांग्रेस के स्वर्गीय हर्षवर्धन से हार मिली. 

पंकज चौधरी 2014 से लगातार लोकसभा के सदस्य हैं. पार्टी ने पंकज चौधरी का हाथ नहीं छोड़ा. चौधरी इस बार पांचवीं बार सांसद बने. 2019 में वे फिर से सांसद बने. मोदी कैबिनेट के पहले विस्तार में उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री का पद मिला. 2024 में चुनाव जीते और मंत्री बने.