पिछले दो दिनों से मूसलाधार बारिश का असर अब नदियों में दिखने लगा है. सरयू नदी भी अब अपने रौद्र रूप में आ गई है, जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती इलाके के कई गांव पानी से घिर गए है.

गांव को आने जाने वाला रास्ता भी बंद हो चुका है जिस वजह से ग्रामीण और स्कूली बच्चे नाव का सफर करने को मजबूर है. इस दौरान नाव के जोखिम भरे सफर से कई बार हादसे भी होते है मगर प्रकृति के गुस्सैल रूप के आगे वे बेबस है.

पांच गांव हुए जलमग्न

घाघरा नदी का जलस्तर बढ़ने से दुबौलिया थाना क्षेत्र के 5 गांव जलमग्न हो गये है और किसानों की हजारों बीघा धान की फसल चौपट हो गई है. बाढ पीडित और किसान अपने परिवारों को साथ लेकर पलायन करने को मजबूर है.

घाघरा नदी के बढ़ते जलस्तर से दुबौलिया विकासखंड के तटवर्ती गांवों में दहशत का माहौल व्याप्त है. प्रतिदिन घाघरा नदी के जलस्तर मे इजाफा हो रहा है. देर शाम नदी का जलस्तर 79.810 एमएम तक पहुंच गया, जो वर्तमान समय में 79.850 एमएम तक पहुंच गया है, यानी हर घंटे सरयू नदी का जलस्तर बेहद तेजी से बढ़ रहा है. 

यह गांव हैं सरयू नदी की चपेट में 

सरयू नदी के किनारे बसे गांव बर्दिया लोहार, सुविकाबाबू, अशोकपुर चांदपुर, अशोकपुर मांझा और विशुदासपुर गांव पूरी तरह बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. नदी का पानी इतनी तेजी से बढ़ा कि ग्रामीणों को संभलने का मौका भी नहीं मिला पाया. किसानों के खेतों और घरों तक घाघरा का पानी पहुंच चुका है. धान की फसलें पूरी तरह डूब चुकी हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है. कई परिवार अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर जाने को मजबूर हो रहे है. 

वही ग्रामीणों ने बताया की बाढ़ से जहाँ फसलों को नुकसान हुआ है वही दुसरी तरफ मवेशियों के लिए चारे और पानी का संकट भी अब गहरा गया है. बाढ क्षेत्रों में सड़कें जलमग्न हो गई है आम जनमानस का आवागमन पूरी तरीके से ठप है. अब केवल नाव और बोट के सहारे ग्रामीण आने जाने को मजबूर है.

ग्रामीणों ने लगाए आरोप

वहीं ग्रामीण ने बताया की प्रशासन की तरफ से कोई विशेष सहयोग अब नहीं मिल रहा है. बाढ़ का पानी घटने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं, जिससे लोगों की चिंता बढ़ती जा रही है. स्थानीय लोगों ने सरकार से राहत सामग्री, पशु चारा और पीने के पानी की तत्काल व्यवस्था की मांग की है. 

जिले के आलाधिकारी बाढ़ प्रभावित इलाकों में कडी निगरानी कर रहे है और जरूरतमंद परिवारों को मदद पहुंचाने का आश्वासन भी दे रहे है लेकिन ग्रामीणों तक मदद नहीं पहुंच पा रहा है. सरयू नदी का बढ़ता जलस्तर ग्रामीणों के लिए अब संकट बनता जा रहा है वहीं दूसरी तरफ घाघरा नदी के तटवर्ती क्षेत्रों मे दहसत का महौल दिखाई दे रहा है.

एसडीएम ने दी यह जानकारी 

वही हरैया तहसील के एसडीएम उमाकांत तिवारी ने बाढ़ की विभीषिका को लेकर बताया कि तटवर्ती इलाके में बसे गांव बाढ़ से प्रभावित है, राहत सामग्री और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था प्रशासन की तरफ से कराई जा रही है.

गांव के अंदर अभी पानी नहीं पहुंचा है जिस वजह से ग्रामीणों के लिए नाव की व्यवस्था कर दी गई है, जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है, किसी भी खतरे से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार है, अगर पानी का स्तर बढ़ता है तो प्रभावित गांव के ग्रामीणों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा.