लोकसभा में वंदे मातरम् को लेकर जारी तीखी बहस के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के प्रमुख मौलाना शहाबुद्दीन रजवी का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् पर 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर संसद में जिस तरह हंगामा और राजनीतिक तकरार हो रही है, वह अनावश्यक है. उनके अनुसार यह मुद्दा विवाद का नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता का है.

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मौलाना रजवी ने कहा कि वंदे मातरम् एक गीत है. जो लोग इसे पढ़ना चाहते हैं, उन्हें इसकी पूरी आजादी होनी चाहिए और जो लोग नहीं पढ़ना चाहते, उन्हें किसी भी तरह का दबाव या मजबूरी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने स्पष्ट किया कि देश में हर नागरिक को अपनी धार्मिक और व्यक्तिगत मान्यताओं के अनुसार निर्णय लेने का अधिकार है और यह अधिकार प्रभावित नहीं होना चाहिए.

इस मुद्दे पर पहले भी दायर हो चुकी है याचिकाएं- शहाबुद्दीन रजवी

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के प्रमुख मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि पहले भी इस मुद्दे पर कोर्ट में याचिकाएं दायर हुई थीं. मद्रास हाई कोर्ट के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी यह स्पष्ट किया था कि किसी को वंदे मातरम् गाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि देशभक्ति का पैमाना किसी गीत को गाने या न गाने से नहीं तय होता. इसलिए इस संबंध में किसी भी व्यक्ति पर दबाव डालना गलत है.

सांस्कृतिक मुद्दे को राजनीतिक रंग से बचना चाहिए

मौलाना रजवी ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता संग्राम की यात्रा में वंदे मातरम् का अपना ऐतिहासिक महत्व रहा है, लेकिन संविधान ने लोगों को स्वतंत्रता दी है कि वे किसी भी गीत, प्रतीक या विचार के प्रति अपनी मान्यताओं के अनुसार आचरण कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि जब संविधान सबको आजादी देता है, तो राजनीतिक दलों को भी इसे समझना चाहिए और किसी धार्मिक या सांस्कृतिक मुद्दे को राजनीतिक रंग देने से बचना चाहिए.

वंदे मातरम् बहस का नहीं सम्मान का है विषय

उन्होंने विपक्ष और सत्तारूढ़ दल दोनों से अपील की कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर देश की एकता और सौहार्द को प्राथमिकता दें. मौलाना रजवी ने कहा कि राजनीतिक बहसों का मंच संसद है, लेकिन ‘वंदे मातरम्’ जैसा विषय केवल बहस का नहीं, बल्कि समझदारी और सम्मान का विषय है. उन्होंने कहा कि देशभक्ति दिल में होती है, किसी गीत को पढ़ने या न पढ़ने से किसी की देशप्रेम की भावना कम नहीं होती. सबसे जरूरी है कि देश में शांति, आपसी सम्मान और भाईचारा बना रहे.

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