Bundelkhand Tourist Places: जब उत्तर प्रदेश में पर्यटन की बात होती है तो अक्सर चर्चा आगरा के ताजमहल, वाराणसी के घाट या अयोध्या के मंदिरों तक सीमित रह जाती है. लेकिन, अब राज्य सरकार और पर्यटन विभाग का फोकस यूपी के उस हिस्से पर है, जो इतिहास और शौर्य की कहानियों से भरा हुआ है - वह है बुंदेलखंड.

Continues below advertisement

'बुंदेलखंड ट्रेल' एक ऐसी पहल है जो सैलानियों को इस क्षेत्र के उन 'छिपे हुए रत्नों' (Hidden Gems) से रूबरू कराएगी, जो अब तक मुख्यधारा के पर्यटन से अछूते थे. आइए जानते हैं बुंदेलखंड के उन खास स्थानों के बारे में जो इतिहास, वास्तुकला और प्राकृतिक सौंदर्य का बेजोड़ नमूना हैं.

1. कालिंजर का किला (बांदा): जिसे कोई जीत न सका बांदा जिले में स्थित कालिंजर का किला भारत के सबसे पुराने और विशाल किलों में से एक है. समुद्र तल से 1203 फीट की ऊंचाई पर बना यह किला इतिहास में 'अजेय' माना जाता रहा है.

Continues below advertisement

  • खासियत: यहां का नीलकंठ महादेव मंदिर बेहद खास है. शिव पुराण के अनुसार, समुद्र मंथन के बाद भगवान शिव ने यहीं विष पीकर उसे अपने कंठ में रोका था.
  • क्यों जाएं: इतिहास और वास्तुकला के प्रेमियों के लिए यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है.

2. देवगढ़ (ललितपुर): गुप्त काल की धरोहर झांसी से करीब 125 किलोमीटर दूर ललितपुर जिले का देवगढ़, बेतवा नदी के किनारे बसा है. इसे 'देवताओं का किला' भी कहा जाता है.

  • खासियत: यहां स्थित दशावतार मंदिर गुप्त काल की वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है. यह भारत के सबसे पुराने पंचायतन मंदिरों में से एक है. इसके अलावा, यहां के 31 जैन मंदिर भी वास्तुकला का अद्भुत नमूना पेश करते हैं.

3. चरखारी (महोबा): बुंदेलखंड का कश्मीर महोबा जिले में स्थित चरखारी को झीलों की नगरी कहा जाता है. इसे अक्सर 'बुंदेलखंड का कश्मीर' कहकर भी पुकारा जाता है.

  • खासियत: यहां राजाओं द्वारा बनवाए गए कई कृत्रिम तालाब हैं, जिनमें विजय सागर और मदन सागर प्रमुख हैं. कमल के फूलों से भरे ये तालाब मन मोह लेते है.
  • इतिहास: यह क्षेत्र आल्हा-ऊदल की वीरता की कहानियों के लिए भी प्रसिद्ध है.

4. चित्रकूट: आस्था और प्रकृति का संगम हालांकि चित्रकूट प्रसिद्ध है, लेकिन यहां के कई प्राकृतिक स्थल अभी भी पूरी तरह एक्सप्लोर नहीं किए गए हैं.

  • खासियत: गुप्त गोदावरी, हनुमान धारा और शबरी जलप्रपात जैसे स्थान प्रकृति प्रेमियों के लिए बेहतरीन हैं. मानसून और सर्दियों में यहां का नजारा देखते ही बनता है.

कनेक्टिविटी ने बदली तस्वीर

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे (Bundelkhand Expressway) के शुरू होने से अब दिल्ली, नोएडा और लखनऊ से इन जगहों पर पहुंचना बेहद आसान हो गया है. जो सफर पहले थका देने वाला होता था, अब वह एक शानदार रोड ट्रिप में बदल चुका है.

अगर आप भीड़भाड़ से दूर इतिहास के पन्नों और प्रकृति की गोद में कुछ सुकून के पल बिताना चाहते हैं तो छुट्टियों में 'बुंदेलखंड ट्रेल' आपकी सूची में सबसे ऊपर होना चाहिए.