उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) के लिए आरएलडी (RLD) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party)के गठबंधन पर चल रही अटकलों पर विराम लग गया है. दोनों दलों के नेताओं की मुलाकात से गठबंधन को बल मिला है. उम्मीद है कि जल्द ही दोनों नेता मीडिया के सामने आकर गठबंधन का ऐलान करेंगे. सपा के साथ गठबंधन को लेकर आरएलडी के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी एबीपी गंगा से बातचीत की. उन्होंने कहा कि दोनों दलों की विचारधारा एक है. इसलिए उनमें कभी मतभेद नहीं हो सकता है.


नेताओं की मुलाकात से अटकलों पर लगा विराम


राष्ट्रीय लोक दल के महासचिव त्रिलोक त्यागी ने कहा कि दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष की मुलाकात ने गठबंधन की अटकलों पर विराम लगा दिया है.उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी और आरएलडी की विचारधारा एक है, दोनों एक ही बटवृक्ष की शाखाएं हैं. इसलिए समाजवादी पार्टी और आरएलडी में कभी मतभेद नहीं हो सकता. 


UP Election: अखिलेश यादव की SP और जयंत चौधरी की RLD के बीच गठबंधन का आज हो सकता है एलान, कितनी सीटों पर बनी बात?


त्रिलोक त्यागी ने बताया कि जिस समय समाजवादी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव पार्टी के अध्यक्ष हुआ करते थे उस वक्त वो आरएलडी के युवा प्रदेश अध्यक्ष थे. उन्होंने कहा कि हमने एक साथ काम किया है. हम दोनों की विचारधारा एक है. मकसद एक है तो फिर गठबंधन में दिक्कत कैसे हो सकती है.


सपा-रालोद का गठबंधन मोदी राज का अंत करेगा


उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों में गठबंधन 2019 से चला रहा है. यह गठबंधन 2022 में भी जारी रहेगा. त्रिलोक त्यागी ने कहा कि यही गठबंधन 2024 में मोदी सरकार को उखाड़ फेंकेगा. इसलिए इस भ्रम में कोई ना रहे कि सपा और आरएलडी अलग-अलग हैं, हम दोनों पार्टियां एक हैं और एक साथ 2022 का चनाव लड़ेंगे. आरएलडी या सपा अलग-अलग सीटों पर चुनाव नहीं लड़ रहे हैं बल्कि हम दोनों पार्टियां मिलकर 403 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं.


उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने मंगलवार को लखनऊ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की थी. लेकिन अभी भी दोनों दलों ने किसी गठबंधन की घोषणा नहीं की है. उम्मीद की जा रही है कि दोनों दल जल्द ही गठबंधन और सीट बंटवारे की घोषणा कर सकते हैं. किसान आंदोलन के बाद पश्चिम उत्तर प्रदेश में आरएलडी की भूमिका बड़ी हो गई है. 


UP Elections 2022: यूपी चुनाव जीतने ने लिए अखिलेश यादव ने बनाया MB वाला फॉर्मूला, छोटी पार्टियों से गठबंधन पर जोर