Political Equation of Bangarmau Assembly seat: उन्नाव (Unnao) जिले की सबसे चर्चित विधानसभा बांगरमऊ (Bangarmau) है. चर्चा का कारण बहुचर्चित माखी रेप कांड (Makhi Rape Case) है और भाजपा (BJP) विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) पर गंभीर आरोप लगे थे, जिसके बाद दोषी पाए जाने पर उनको सजा हुई. यदि बात की जाए बांगरमऊ विधानसभा के गठन की तो पहली बार 1962 में यहां चुनाव हुआ था. पहली बार इसे सुरक्षित सीट रखा गया था जिसमें कांग्रेस (Congress) के सेवा राम यहां से विधायक बने थे. उसके बाद कांग्रेस ने 1969 ,1980 ,1985 और 1991 में दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित (Sheila Dikshit) के ससुर गोपीनाथ दीक्षित ने लगातार यहां से 4 बार जीत दर्ज की थी. 


सियासी समीकरण 
1996 और 2002 में बीएसपी के रामशंकर पाल ने यहां से जीत दर्ज की, इसके बाद इस सीट से तीन बार सपा के प्रत्याशी चुने गए, जिसमें 1993 में अशोक सिंह देवी, 2007 में कुलदीप सिंह सेंगर और 2012 में बदलू खां ने यहां से जीत दर्ज की. 2017 में भाजपा ने पहली बार इस सीट पर जीत दर्ज की और विधायक कुलदीप सिंह सेंगर बने. रेप के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर के जेल जाने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के श्रीकांत कटियार ने जीत दर्ज की. 


ये हैं बड़े नाम 
दिग्गज नेताओं की बात करें तो सपा से मुस्लिम नेता बदलू खां, सपा से सुरेश पाल, भाजपा से श्रीकांत कटियार, कांग्रेस से आरती बाजपेई और भाजपा से कुलदीप सिंह सेंगर बड़े नाम हैं. बदलू खां सपा के टिकट पर बांगरमऊ विधानसभा से 2012 में चुनाव लड़े और विधायक चुने गए. इसके पहले बदलू खां राजस्व विभाग में लेखपाल हुआ करते थे. उन्होंने लेखपाल की नौकरी छोड़ने के बाद राजनीती में एंट्री की थी. सुरेश पाल की बात की जाए तो सुरेश पाल पूर्व मंत्री राम शंकर पाल के भतीजे हैं. सदर विधानसभा से ये पहले एक बार चुनाव लड़े थे उसके बाद बांगरमऊ चुनाव में समाजवादी पार्टी से उन्होंने चुनाव लड़ा था. इनको हार का सामना करना पड़ा था. सुरेश पाल की बैकवर्ड और पाल बिरादरी में अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है. 


सीट प्रोफाइल: बांगरमऊ विधानसभा


2012 में ये थे मैदान में


पार्टी          प्रत्याशी            मत
सपा          बदलू खां          56528
बसपा       मो. इरशाद        48733
भाजपा     रामशंकर पाल    24092
कांग्रेस      अशोक सिंह       23345


3 बार विधायक रहे कुलदीप सेंगर 
कुलदीप सिंह सेंगर 2017 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और विधायक बने. कुलदीप सिंह सेंगर उन्नाव के दबंग विधायक और नेता माने जाते हैं. कुलदीप सेंगर अभी तक 3 बार विधायक रहे हैं और हर बार एक अलग सीट से चुनाव जीत कर विधयक बने है. सबसे पहले ये 2002 के विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर सदर सीट से जीते, उसके बाद 2007 में कुलदीप ने सपा का दामन थाम लिया और बांगरमऊ विधानसभा से विधायक चुने गए. 2012 के चुनाव में कुलदीप ने जिले की भगवंतनगर विधानसभा से चुनाव लड़ा और विधायक बने. 2017 में भाजपा से चुनाव लड़के बांगरमऊ से विधायक बने. 


उपचुनाव में श्रीकांत कटियार ने मारी बाजी 
रेप कांड में जेल जाने के बाद 2020 में बांगरमऊ में उपचुनाव हुआ जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने जिला अध्यक्ष श्रीकांत कटियार को अपना प्रत्याशी बनाया. उपचुनाव में श्रीकांत कटियार ने जीत दर्ज की. श्रीकांत जमीनी नेता माने जाते है और पहले भाजपा के जिला अध्यक्ष थे. कुलदीप सिंह सेंगर के जेल जाने के बाद हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने इनको अपना प्रत्याशी बनाया जिसमें उन्होंने जीत दर्ज की. श्रीकांत कटियार की बांगरमऊ क्षेत्र में अच्छी पकड़ है. 


बांगरमऊ में कुल मतदाता


कुल मतदाता- 338903
महिला मतदाता - 153800
पुरुष मतदाता- 186000
थर्ड जेंडर- 30


जातीय समीकरण (अनुमान के अनुसार)


जाति            आंकड़ा लगभग


मुस्लिम            66000
निषाद              51000
दलित              41000
ब्राह्मण             40000
यादव               25000
वाल्मीकि          17000
पाल                 16000
कुर्मी                 13000
अन्य                  43903


विधानसभा क्षेत्र में मुख्य समस्याएं
बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र की समस्याओं का जिक्र किया जाए तो बाढ़, कच्ची शराब, बिजली, बेरोजगारी, अच्छा अस्पताल, टेक्निकल स्कूल कॉलेज, यातायात और नागरिक सुरक्षा यहां की बड़ी समस्याएं हैं. इसके साथ ही अवारा जानवरों से लोग परेशान हैं, जल निकासी के साथ-साथ अन्य जन समस्याएं भी हैं. 


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