बीजेपी (BJP) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में  255 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की है. वहीं उसके सहयोगियों अपना दल (सोनेलाल) (APNA DAL) ने 12 और निषाद पार्टी (NISHAD PARTY) ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की है. इस बड़ी जीत में भी 3 सीटें ऐसी थीं, जहां बीजेपी अपनी जमानत नहीं बचा पाई है. आइए जानते हैं कि वो सीटें कौन सी हैं.


कुंडा की लड़ाई में हारी बीजेपी?


इस चुनाव में बीजेपी जिन तीन सीटों पर अपनी जमानत नहीं बचा पाई है, उनमें पहला नाम है प्रतापगढ़ की कुंडा सीट का. कुंडा और रघुराज प्रताप सिंह ऊर्फ राजा भैया को एक दूसरे का पर्याय माना जाता है. राजा भैया इस सीट से 1993 से जीतते आ रहे हैं. इस बार कुंडा में मुकाबला कड़ा माना जा रहा था. वहां से सपा ने राजा भैया के पूर्व सहयोगी गुलशन यादव और बीजेपी ने सिंधुजा मिश्र सेनानी को टिकट दिया था. लेकिन ये लोग राजा भैया को हरा पाने में सफल नहीं हुए. बीजेपी उम्मीदवार तो अपनी जमानत तक जब्त करा बैठी. चुनाव आयोग के मुताबिक राजा भैया 99 हजार 612 वोट पाकर विजयी रहे. वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी गुलशन यादव को 69 हजार 297वोट मिले. बीजेपी की सिंधुजा मिश्र सेनानी को केवल 16 हजार 455 (8.36 फीसदी) वोट ही मिले हैं. 


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मल्हनी में सपा ने धनंजय सिंह को हराया


जौनपुर की मल्हनी वह दूसरी सीट रही जहां बीजेपी अपनी जमानत नहीं बचा पाई.यहां मुख्य मुकाबला सपा के लकी यादव और जनता दल यूनाइटेड के धनंजय सिंह के बीच माना जा रहा था. बीजेपी ने कृष्ण प्रताप सिंह केपी को टिकट दिया था. इस सीट पर सपा ने अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया था. उसे जीत भी मिली.लकी यादव ने 97 हजार 357 वोट लाकर धनंजय सिंह को मात दे दी.धनंजय को 79 हजार 830 वोट मिले. वहीं बीजेपी उम्मीदवार केपी को केवल 18 हजार 319 (8.01 फीसदी) वोटों से ही संतोष करना पड़ा. 


बलिया में बसपा से हारी बीजेपी


बलिया जिले की रसड़ा वह सीट थी, जहां बीजेपी अपनी जमानत नहीं बचा पाई. यह बसपा के दिग्गज नेता उमाशंकर सिंह की सीट है. वो यहां से लगातार तीसरी बार जीते हैं. इस चुनाव में उन्होंने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के महेंद्र को  6 हजार 583 वोट के अंतर से हराया है. उमाशंकर सिंह को 87 हदार 887 और महेंद्र को 81 हजार 304 वोट ही मिले. रसड़ा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार बब्बन को केवल 24 हजार 235 (12.08 फीसदी) वोट से ही संतोष करना पड़ा था. 


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2017 में कितनी सीटों पर जब्त हुई थी जमानत?


जमानत बचाने के मामले में बीजेपी का रिकॉर्ड 2017 की तुलना में 2022 में बेहतर हुआ है. साल 2017 में बीजेपी की 5 सीटों पर जमानत जब्त हुई थी. उस चुनाव में बीजेपी बदायूं जिले की सहसवान, अमेठी जिले की गौरीगंज सीट, रायबरेली सीट, हाथरस की सादाबाद सीट और प्रयागराज की सोरांव सीट पर अपनी जमानत जब्त करा बैठी थी. सोरांव सीट गठबंधन में अपना दल के खाते में चली गई थी. बीजेपी और अपना दल दोनों ने प्रत्याशी उतारा था. लेकिन फैसला होने तक नाम वापसी का समय निकल गया था. इस वजह से बीजेपी प्रत्याशी सुरेंद्र चौधरी नाम वापस नहीं ले सके थे. इसके बाद भी उन्हें 6 हजार 492( 3.10 फीसदी) वोट मिले थे. 


चुनाव में जब कोई उम्मीदवार अपनी सीट पर पड़े कुल वोटों का 1/6 यानी की 16.66 फीसद वोट हासिल नहीं कर पाता तो उसकी जमानत राशि जब्त कर ली जाती है.