आगरा में यमुना नदी उफान पर है और पानी खतरे के निशान को पार कर चुका है. इसका असर शहर के ऐतिहासिक स्मारकों पर भी साफ दिखाई दे रहा है. नदी का पानी ताजमहल की दीवारों तक पहुंच गया है और आसपास का इलाका भी जलमग्न हो चुका है.
नदी का पानी बढ़ने के चलते स्मारक परिसर के निचले हिस्सों और आसपास की बस्तियों में पानी भर गया है. इससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ देश-विदेश से आए पर्यटकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही आसपास के बाघों में भी पानी घुस गया है.
लोगों से सतर्क रहने की अपील
स्थानीय प्रशासन की टीम ने जलभराव वाले क्षेत्रों का निरीक्षण किया और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों से छोड़े गए पानी के कारण यमुना का जलस्तर अचानक बढ़ा है.
नदी का पानी खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, जिससे ताजमहल और आसपास की संरचनाओं पर भी खतरा बढ़ गया है. जिसको देखते हुए आसपास के ग्रामीणों में भी चिंता बनी हुई है. वहीं इसका सीधा असर पर्यटकों में भी देखने को मिल रहा है.
जलभराव से प्रभावित पर्यटक
पर्यटक भी जलभराव से प्रभावित हो रहे हैं. ताजमहल और अन्य स्मारकों तक पहुंचने वाले मार्गों पर पानी भरने से आवाजाही बाधित हुई है. इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग ताजमहल देखने पहुंचे, हालांकि सुरक्षा कारणों से कुछ हिस्सों में प्रवेश सीमित किया गया है. वहीं आसपास के बाघों में भी पानी घुसा हुआ है.
आगरा प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत व बचाव टीमें तैनात की हैं. निचले इलाकों में रह रहे परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की प्रक्रिया जारी है. अधिकारी मान रहे हैं कि हालात काबू में हैं, लेकिन यदि बारिश का दबाव और बढ़ा तो स्थिति और गंभीर हो सकती है.
मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक यमुना का जलस्तर ऊंचा रहने की संभावना है. अगर पहाड़ी इलाकों में बारिश जारी रही तो हालात और गंभीर हो सकते हैं. प्रशासन ने चेतावनी दी है कि लोग नदी के किनारे जाने से बचें और आवश्यक एहतियाती कदम उठाएं.