UP News: उन्नाव (Unnao) जिले के गांव केवाना में अजीबोगरीब मामला सामने आया है. एक शख्स ने आज खुद की 13वीं का एलान किया है. भोज में 300 नाते-रिश्तेदारों और गांव के लोगों को बुलाया गया है. दो दिन पहले 59 वर्षीय जटाशंकर कुशवाहा ने दसवीं मनाई थी. मरणोपरांत की दो साल पहले तैयारी कर चुके जटाशंकर का प्रकरण इलाके में चर्चा का विषय बन गया है. उन्होंने समाधि के लिए पक्का चबूतरा भी तैयार करवा लिया है. वसीयत कर मरने के बाद दफन करने की बात कही है.

जीते जी बुजुर्ग ने किया पिंडदान

जटाशंकर कुशवाहा से जीते जीते पिंडदान करने का कारण पूछने पर पारिवारिक विवाद सामने आया. परिवार से ऐसी अनबन हुई कि उन्होंने अलग रहने का फैसला किया. पत्नी मुन्नीदेवी और बच्चों से जटाशंकर का अक्सर विवाद होता रहता है. बच्चों में पांच बेटे और दो बेटियां हैं. सबसे बड़ी बेटी शैल कुमार की हाल में शादी हुई है. विवाद से बचने के लिए जटाशंकर घर-परिवार को छोड़कर खेत में कोठरी बनाकर रहने लगे. जटाशंकर को मरने के बाद अंतिम संस्कार की परिवार से उम्मीद नहीं थी. इसलिए उन्होंने खुद से मरणोपरांत अंतिम संस्कार की तैयारी जीते जी करने की ठान ली.

मरणोपरांत परिजनों से नहीं आस

बुधवार को जटाशंकर ने खेत में समाधि के लिए बनवाए चबूतरे पर अखंड रामायण का पाठ शुरू कराया. बाल मुंडवाकर खुद का पिंडदान भी किया. आज जटाशंकर की जीते जी तेरवहीं है. तेरहवीं के भोज में नाते-रिश्तेदारों और ग्रामीणों को आने का न्योता मिला है. गांव के लोग जीते जी मरणोपरांत कर्मकांड मनाने पर हैरान हैं. उन्होंने जटाशंकर को अड़ियल शख्स बताया है. किसी काम को करने की ठान लेने के बाद जटाशंकर पीछे हटनेवाले शख्स में से नहीं हैं. बच्चों के साथ पति से अलग रह रही पत्नी का कहना है कि जटाशंकर ने वर्षों पहले घर छोड़ दिया था. बड़ी बेटी शैल कुमारी ने बताया कि पिता चार साल से खेत में रहते हैं. जीते जी मरणोपरांत धार्मिक रीति रिवाज के एलान पर परिजनों को भी वजह समझ में नहीं आ रही है. 

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