रायबरेली: कांग्रेसी गढ़ में सेंध लगाने के बाद भाजपा के निशाने पर अब रायबरेली की लोकसभा सीट आ चुकी है. यही कारण है कि रायबरेली जनपद में भी केंद्रीय मंत्री व अमेठी सांसद स्मृति ईरानी लगातार जनता से संपर्क साधने की लगातार कोशिश कर रही हैं. रविवार को डीह ब्लॉक के हाजीपुर गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' सुनना तो एक बहाना मात्र था, मुख्य उद्देश्य तो उनका जनता से संबंध मजबूत करना है.


अमेठी लोकसभा क्षेत्र में आने वाले रायबरेली के डीह विकास खण्ड के एक गांव हाजीपुर में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पहुंची तो वहां लोगों का मजमा लग गया. पहले से तय कार्यक्रम में पहुंची स्मृति ईरानी ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात सुनने के बाद लोगों से संपर्क साधा. जनता के सुख-दुख की बात भी साझा की. मन की बात सुनने के बाद फिर आने का वादा जनता से किया. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव के सरकारी आवास पर पहुंचकर विकास संबंधी योजनाओं पर चर्चा की.


कार्यक्रम में रायबरेली जनपद के जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव, पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार के साथ-साथ जिले के अन्य अधिकारी मौजूद थे. आम जनता से जुड़ने का यह सबसे सहज साधन स्मृति ईरानी ने बनाया था.


दिव्यांग महिला के साथ सुख दु:ख साझा किये


केंद्रीय मंत्री व अमेठी सांसद स्मृति ईरानी कार्यक्रम स्थल पर ही जनता से जुड़ी समस्याएं सुन रही थी. उसी समय अन्य लोगों के साथ एक विकलांग महिला तारावती भी घिसटते हुए दिखाई दीं. इस पर स्मृति ईरानी ने तपाक से बोला की अम्मा आप वहीं रुको मैं खुद आती हूं. स्मृति ईरानी खुद तारावती के पास पहुंची और तारावती से सभी सुख दुख साझा किये. इसके बाद जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव को ईरानी ने निर्देशित किया और कहा तत्काल इन्हें मेडिकल की सुविधा के साथ-साथ अन्य सभी सुविधाएं जो सरकार द्वारा प्रस्तुत की गई है उपलब्ध करवाई जाएं. जिलाधिकारी वैभव ने तत्परता दिखाते हुए इलाज के लिए भिजवा कर अन्य चीजों के लिए समय रहते अपने मातहतों को कार्रवाई के निर्देश दिए.


दिव्यांग महिला तारावती के साथ स्मृति ईरानी को जमीन पर बैठकर बात करते हुए व उनकी पीड़ा को सुनते हुए जब लोगों ने देखा तो उस समय लोगों ने गांधी परिवार व मौजूदा सांसद सोनिया गांधी की तुलना करना शुरू कर दी.


स्मृति ईरानी की तारीफ करते दिखे लोग


स्मृति ईरानी का अमेठी दौरे के दौरान हुआ वक्तव्य कि, अगली बार रायबरेली की सीट भी कांग्रेस के हाथ से जाएगी, उस समय सार्थक होते दिखी जब लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बना कि गांधी परिवार की तुलना में यह नेता सबसे अच्छी है. क्योंकि चुनाव जीतने के बाद सोनिया गांधी तो अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों के दुख दर्द के बारे में जानती ही नहीं सुनना तो दूर. वहीं राहुल व प्रियंका गांधी के दौरे भी राजनैतिक ही होते हैं उन्हें भी जनता की समस्याओं से बहुत लेना देना नहीं होता है. इस तरह कांग्रेस के एक गढ़ पर फतह पाने के बाद दूसरे में सेंधमारी शुरू हो चुकी है. अब देखना यह है कि कांग्रेस समय रहते अपने किले को बचा पाती है या नहीं.


ये भी पढ़ें.


कौशांबी की जेल में कैदियों के इस काम से खुश हुये पीएम मोदी, 'मन की बात' कार्यक्रम में किया जिक्र