Uttarakhand UCC Bill Live: विधानसभा की कार्यवाही शुरू, सीएम धामी बोले- हमारी सरकार जिम्मेदार, कांग्रेस बोली- हमें संदेह
UCC Bill in Uttarakhand Live Updates: यूनिफॉर्म सिविल कोड के संबंध में कानून पारित करने के लिए 5-8 फरवरी तक विधानसभा का चार-दिवसीय विशेष सत्र आहूत किया गया है.
बैकग्राउंड
UCC in Uttarakhand Live Updates:उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को बहुप्रतीक्षित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पेश कर दिया गया.यूसीसी विधेयक के लिए बुलाये गये विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे...More
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने लिखा- समान नागरिक संहिता बिल के लिए उत्तराखंड भाजपा की धामी सरकार बधाई की पात्र है. भाजपा ने अपने वैचारिक मुद्दों के क्रम में जनता से किए वादे के अनुसार समाधान सुनिश्चित कर रही है! मोदी जी की गारंटी की भी गारंटी है!
उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने कहा कि यह उत्तराखंड के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है और हम सभी बहुत खुश हैं कि यूसीसी (समान नागरिक संहिता) आज (विधानसभा में) पेश किया गया. यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कानून है.
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के कार्यकारी सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा - क्या इसके (यूसीसी) आने पर जितने भी कानून हैं उनमें एकरूपता आ जाएगी? नहीं, बिल्कुल एकरूपता नहीं होगी. जब आपने कुछ समुदायों को इससे छूट दे दी है तो एकरूपता कैसे हो सकती है?हमारी कानूनी समिति मसौदे का अध्ययन करेगी और उसके अनुसार निर्णय लेगी."
राज्य विधानसभा में यूसीसी बिल पेश होने पर उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि ''अगर राज्य सरकार समान नागरिक संहिता के नाम पर शासक वर्ग के लिए दूसरे समुदाय की परंपराओं में हस्तक्षेप करने के लिए कानून लाती है, तो क्या वैमनस्य नहीं होगा?''
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार की मंशा पर संदेह है. बिल की कॉपी आधी अधूरी मिली है. अब दो बजे इस पर चर्चा भी होनी है. ऐसे में इतनी देर में क्या चर्चा करेंगे और क्या पढ़ेंगे.
उत्तराखंड विधानसभा में पेश हुए UCC बिल पर उत्तराखंड भाजपा विधायक शिव अरोड़ा ने कहा, "यह हमारे लिए एक ऐतिहासिक क्षण है. UCC से बड़ी खुशी क्या हो सकती है? यह लोगों को समान अधिकार देता है. मुख्यमंत्री धामी ने आज इसकी शुरुआत की."
समान नागरिक संहिता 2024 सदन में पेश किए जाने के बाद उत्तराखंड विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है. माना जा रहा है कि लंच के बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होगी.
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में समान नागरिक संहिता का विधेयक पेश कर दिया है.
उत्तराखंड विधानसभा में आज पेश किए जाने वाले यूसीसी बिल पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता केपी मौर्य ने कहा "हम इसका स्वागत करते हैं. बीजेपी के तीन मुख्य मुद्दे थे: अयोध्या में रामलला का मंदिर, धारा 370 (जम्मू-कश्मीर) और समान नागरिक संहिता (यूसीसी)...मैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई देता हूं.''
कांग्रेस नेता यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार सवालों से बचना चाहती है. सरकार यूसीसी पर कुछ छिपा रही है. सरकार सवालों का सामना नहीं कर सकती है इसलिए सरकार जल्दीबाजी कर रही है.
भारत के संविधान की मूल प्रति के साथ मुख्यमंत्री आवास से विधानसभा जाते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यूसीसी रिपोर्ट की एक प्रति के साथ राज्य विधानसभा पहुंचे, जिसे आज राज्य विधानसभा में पेश किया जाएगा. धामी ने कहा कि, ''आज इंतजार खत्म हो रहा है और हम इसे आज राज्य विधानसभा के सामने पेश कर रहे हैं...''
कांग्रेस के विरोध पर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब ने कहा कि वो झूठ बो ल रहे हैं. वह चाहते हैं कि सदन की कार्यवाही से पहले उनके पास कॉपी आए और वो देश भर में सर्कुलेट करें. सब कुछ लाइव चल रहा है और वो केवल विरोध करने के लिए विरोध कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हाथ में भारत में संविधान का लेकर विधानसभा पहुंचे. इस दौरान जयश्री राम के नारे लगे और विपक्षी दलों ने कई आरोप लगाए.
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा- "विधानसभा जाने से पूर्व देश के संविधान की मूल प्रति..." देश के संविधान निर्माताओं की अपेक्षाओं के अनुरूप भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 को सार्थकता प्रदान करने की दिशा में आज का दिन देवभूमि उत्तराखण्ड के लिए विशेष है. देश का संविधान हमें समानता और समरसता के लिए प्रेरित करता है और समान नागरिक संहिता कानून लागू करने की प्रतिबद्धता इस प्रेरणा को साकार करने के लिए एक सेतु का कार्य करेगी.
कांग्रेस नेता यशपाल आर्य ने कहा कि हमें विधेयक की कॉपी नहीं सौंपी गई. ऐसे में हम यह जानते ही नहीं इसकी बुराई अच्छाई क्या है. हम इसके विरोध में नहीं हैं ेलकिन सदन को चलाने का ये तरीका सही नहीं है.
समान नागरिक संहिता विधेयक (यूसीसी) पर उत्तराखंड विधानसभा के एलओपी यशपाल आर्य का कहना है, "हम विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन सदन संवैधानिक प्रक्रिया और नियमावली के अनुसार चलता है। बीजेपी लगातार इसकी उपेक्षा कर रही है..."
देहरादून में उत्तराखंड विधानसभा के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक पेश करेंगे.
विधेयक पेश करने से पहले सीएम धामी ने ट्वीट कर कहा- देवभूमि उत्तराखण्ड के नागरिकों को एक समान अधिकार देने के उद्देश्य से आज विधानसभा में समान नागरिक संहिता का विधेयक पेश किया जाएगा. यह हम सभी प्रदेशवासियों के लिए गर्व का क्षण है कि हम UCC लागू करने की दिशा में आगे बढ़ने वाले देश के पहले राज्य के रूप में जाने जाएंगे. जय हिंद, जय उत्तराखण्ड
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक पेश करेंगे.
उत्तराखण्ड की विधानसभा में आज मुख्य तौर पर यूसीसी का बिल पेश किया जाएगा. इसी पर लंबी चर्चा होगी. इसके अलावा राज्य आंदोलनकारियों और उनके परिजनों को सरकारी नौकरियों में दस फ़ीसदी क्षैतिज आरक्षण संबंधी बिल भी पेश किया जाएगा. कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में यह तय किया गया है कि आज प्रश्नकाल और कार्यस्थगन नहीं होगा. इसे लेकर विपक्ष ने नाराज़गी ज़ाहिर की है. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने सोमवार को समिति से इस्तीफ़ा दे दिया है. साथ ही राज्यपाल से मुलाक़ात करके नियम विरुद्ध तरीक़े से सदन चलाने की शिकायत भी की है.
कानून बनने के बाद उत्तराखंड आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा. गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही यूसीसी लागू है. यूसीसी के तहत प्रदेश में सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, जमीन, संपत्ति और उत्तराधिकार के समान कानून लागू होंगे, चाहे वे किसी भी धर्म को मानने वाले हों.
वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा जनता से किए गए प्रमुख वादों में यूसीसी पर अधिनियम बनाकर उसे प्रदेश में लागू करना भी शामिल था. वर्ष 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड राज्य में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने का इतिहास रचने के बाद भाजपा ने मार्च 2022 में सरकार गठन के तत्काल बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी थी.
- सभी धर्मों में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल होगी
- पुरुष-महिला को तलाक देने के समान अधिकार
- लिव इन रिलेशनशिप डिक्लेयर करना जरूरी
- लिव इन रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर 6 माह की सजा
- लिव-इन में पैदा बच्चों को संपत्ति में समान अधिकार
- महिला के दोबारा विवाह में कोई शर्त नहीं
- अनुसूचित जनजाति दायरे से बाहर
- बहु विवाह पर रोक, पति या पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी नहीं
- शादी का रजिस्ट्रेशन जरूरी बिना रजिस्ट्रेशन सुविधा नहीं
- उत्तराधिकार में लड़कियों को बराबर का हक
उत्तराखंड विधानसभा सत्र काआगाज हो गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सदन कि कार्यवाही में हुए शामिल सत्र के पहले दिन आज सदन में श्रद्धांजलि दी जाएगी . दिवंगत विधायक सरबत करीम अंसारी के साथ ही चार अन्य पूर्व विधायकों को भी दी जाएगी श्रद्धांजलि
विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य से मुलाकात की.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य विधानसभा पहुंचे
मुफ्ती रईस ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लाया जाने वाला यह कानून संविधान के विरुद्ध भी है. आर्टिकल 25 के तहत हर धर्म को मानने वाले व्यक्ति को अपने धर्म पर चलने की आजादी है.
शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि यूसीसी केवल धर्म विशेष के विरुद्ध है. इसमें मुस्लिम समाज द्वारा दिए गई आपत्तियों तथा मुस्लिम समाज द्वारा दिए गए सुझावों को कोई जगह नहीं दी गई है.
यूसीसी का विरोध भी तेज हो गया है. यूनिफार्म सिविल कोड के विरोध में देहरादून के पलटन बाजार स्थित जामा मस्जिद में मुस्लिम सेवा संगठन ने एक प्रेस वार्ता की, जिसकी अध्यक्षता शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी ने की.
प्रदेश में किसी तरह की कोई उत्पात या अप्रिय स्थिति या घटना न हो, इसको देखते हुए आज से ही धारा 144 लागू कर दी गई है.
विधानसभा सत्र से पहले प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है. विधानसभा के पटल पर यूसीसी के ड्राफ्ट को रखा जाएगा, तब कोई भी असामाजिक तत्व किसी भी अप्रिय घटना को अंजाम न दे सके. इसके लिए पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया है.
यूसीसी का मुस्लिम सेवा संगठन ने विरोध भी जताया है. इतना ही नहीं, विधानसभा सत्र से पहले प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई है. यूसीसी का ड्राफ्ट विधानसभा में 6 फरवरी को रखा जाएगा और इसके बाद जल्द लागू करने का प्रयास किया जाएगा.
कानून बनने के बाद उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा. गोवा में पुर्तगाली शासन के दिनों से ही यूसीसी लागू है. लेकिन उत्तराखंड में ये मंगलवार को विधानसभा से पास होने की उम्मीद है.
यूसीसी पर अधिनियम बनाकर उसे प्रदेश में लागू करना 2022 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा जनता से किए गए प्रमुख वादों में से एक था. वर्ष 2000 में अस्तित्व में आए उत्तराखंड में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कर इतिहास रचने के बाद भाजपा ने मार्च 2022 में सरकार गठन के तत्काल बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी थी.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया, "कैबिनेट बैठक के दौरान आज UCC रिपोर्ट को मंजूरी दे दी गई. हम इसे कानून बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे."
यूनिफार्म सिविल कोड के विरोध में देहरादून के पलटन बाजार स्थित जामा मस्जिद में मुस्लिम सेवा संगठन ने एक प्रेस वार्ता की, जिसकी अध्यक्षता शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी ने की. शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि यूसीसी केवल धर्म विशेष के विरुद्ध है.
उत्तराखंड विधानसभा सत्र 5 से 8 फरवरी तक चलने वाला है. इस सत्र में सदन के पटल पर यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट रखा जाएगा. इस सत्र में मुख्यमंत्री 6 फरवरी को समान नागरिकता कानून को सदन के पटल पर रहने वाले हैं.
यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट के चार खंडों में 740 पृष्ठों के मसौदे को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को सौंपा था, जिसकी तस्वीरें भी मीडिया के सामने आई थीं.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री आवास में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यूसीसी के मसौदे का प्रस्तुतिकरण किया गया जिसे देखने के बाद उसे विधानसभा के पटल पर विधेयक के रूप में रखे जाने को मंजूरी दे दी गयी.
उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 6 फरवरी को विधानसभा सत्र में यूसीसी पटल पर रहने वाले हैं. विधानसभा से पास होने के बाद जल्द ही यह कानून बन जाएगा. लेकिन दूसरी ओर मुस्लिम संगठनों ने इसका विरोध भी शुरू कर दिया है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूनियन सिविल कोड (यूसीसी) को लेकर मुख्यमंत्री निवास पर रविवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई, जिसमें यूसीसी के मसौदे को मंजूरी दी गई. विधानसभा सत्र 5 से 8 फरवरी तक चलने वाला है. इस सत्र में सदन के पटल पर यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट रखा जाएगा.
- हिंदी न्यूज़
- राज्य
- उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
- Uttarakhand UCC Bill Live: विधानसभा की कार्यवाही शुरू, सीएम धामी बोले- हमारी सरकार जिम्मेदार, कांग्रेस बोली- हमें संदेह