Youth Unemployment Rate: वित्त मंत्रालय ने भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की समीक्षा में कहा कि युवा बेरोजगारी दर (Youth Unemployment Rate) में गिरावट आई है और युवा आबादी की बड़ी हिस्सेदारी वाले राज्य इसका कारण हैं. इनमें उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और बिहार (Bihar) जैसे राज्यों का नाम हैं. इन राज्यों में युवाओं की बेरोजगारी के मामले में गिरावट देखी गई है. 


वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय बजट से कुछ ही दिन पहले भारतीय अर्थव्यवस्था की समीक्षा में कहा कि राज्य स्तर पर युवा बेरोजगारी दर में गिरावट का नेतृत्व युवा आबादी की बड़ी हिस्सेदारी वाले राज्यों ने किया है, जैसे कि उत्तर प्रदेश (के साथ) स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय के 2021 के जनसंख्या अनुमान के अनुसार 6.9 करोड़ युवा), बिहार (3.5 करोड़ युवाओं के साथ), और मध्य प्रदेश (2.3 करोड़ युवाओं के साथ).


युवा बेरोजगारी दर में आई गिरावट
उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश की युवा बेरोजगारी दर जो 2017-18 में 16.7 प्रतिशत थी अब इससे घटकर 2022-23 में 7 प्रतिशत हो गई है. साथ ही इसी अवधि में युवा एलएफपीआर 33.7 प्रतिशत से बढ़कर 41.4 प्रतिशत हो गई है. इस प्रकार, युवाओं को बढ़ावा देने वाले राज्य भी युवा रोजगार में वृद्धि का नेतृत्व कर रहे हैं.


पिछले कुछ वर्षों में युवा आबादी के साथ-साथ युवा रोजगार भी बढ़ रहा है, जो देश के लिए चिंता की बात हो सकती है. पीएलएफएस के अनुसार,  15-29 वर्ष की आयु वाले युवाओं की बेरोजगारी दर 2017-18 में 17.8 प्रतिशत थी जो कि अब घटकर 2022-23 में 10 प्रतिशत हो गई है, जबकि युवा एलएफपीआर 38.2 प्रतिशत से बढ़कर 44.5 प्रतिशत हो गया है. 


भारतीय अर्थव्यवस्था की समीक्षा में कहा गया है कि इन छह वर्षों में नियोजित युवाओं का अनुपात 31 प्रतिशत से बढ़कर 40.1 प्रतिशत हो गया है, जो जनसांख्यिकीय परिवर्तन के बावजूद एक बड़ी आबादी वाले देश के लिए एक उपलब्धि है. इसके साथ ही युवा बेरोजगारी दर के मामले में गिरावट भी अच्छा संकेत है. 


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