Vice-President Election 2022: उपराष्ट्रपति चुनाव में बसपा की तरफ से एनडीए (NDA) उम्मीदवार को समर्थन देने पर सपा नेता उदयवीर सिंह (Udayveer Singh) ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ये स्वाभाविक है और जिस तरह से पिछली राजनीति हुई उसके हिसाब से है बसपा (BSP) लगातार बीजेपी (BJP) की मदद करने में लगी है. उन्होंने कहा कि रामजी गौतम तो राज्यसभा में गए ही बीजेपी की मदद से थे. लगातार ये दोस्ती चल रही है, विधानसभा चुनाव में भी दोनों का एक दूसरे के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर देखने को मिला था.

सपा का मायावती पर निशानासपा नेता ने कहा कि बीजेपी के हर निर्णय के साथ बसपा लगातार है, चाहे वो जम्मू-कश्मीर का मामला हो या सीएए, एनआरसी का बहुत सी बातें हैं जिन पर बासपा ने खुलकर बीजेपी का समर्थन किया है, जो उनके पुराने ताल्लुकात हैं गिव एंड टेक के, छोटे भाई, बड़े भाई वाले, इस पर हमें कोई आश्चर्य नहीं है. स्पष्ट दिख रहा है कि बसपा हर कदम पर बीजेपी की मदद कर रही है, उसके निर्णय में हां में हां मिला रही है. क्यों मिला रही है, कोई राजनीतिक मजबूरी है या व्यक्तिगत परेशानी है या कोई और बात है यह बसपा के लोग बता पाएंगे.

Vice-President Election 2022: 'बहन जी ने हमेशा वंचित वर्ग की आवाज उठाई है', मायावती के फैसले पर बोले डिप्टी CM ब्रजेश पाठक उदयवीर सिंह ने उठाए मायावती पर सवालउदयवीर ने कहा कि इस समय देश में ईडी का भी काफी प्रकोप है. 2024 चुनाव में बीजेपी और बसपा की चुनौती पर कहा की राजनीति में एक और एक 2 हो जाए यह जरूरी नहीं, कभी एक और एक ग्यारह होता है और कभी एक और एक जीरो भी हो जाता है. पिछली बार हम और बसपा साथ में लड़े, लोगों को लगता था प्रदेश में कहीं लड़ाई ही नहीं रहेगी. बसपा का जो मूल वोटर है उस पर अत्याचार उत्पीड़न करने वाला बीजेपी का लीडरशिप है. उनका जो कोर वोटर है उसके वोट बैंक के साथ बसपा का उपेक्षित पीड़ित कैसे खड़ा होगा. इस पर शंका और आश्चर्य है. इसलिए जरूरी नहीं कि उन दोनों के साथ खड़े होने का परिणाम वैसा ही आये जैसा गणित के हिसाब से दिखता है. 

मायावती से पूछा ये सवालमायावती के ट्वीट पर पर सपा नेता  ने कहा कि पार्टी का क्या मूवमेंट है जो बीजेपी से मिलता है और जब बीेजपी ही बसपा का मूवमेंट आगे बढ़ा रही है तो ये लोग दूर दूर क्यों है. यह बसपा के लोग ही बता सकते कि कैसे बीजेपी उनके मूवमेंट को आगे बढ़ा रही मेरी समझ से परे है. बसपा का जो कांसेप्ट बना और जिस दल की मानसिक सोच और विचारधारा के खिलाफ बना अगर वही उसे आगे बढ़ा रहा है तो मुझे लगता है कि बसपा की पूरी लीडरशिप को सोचना पड़ेगा कि वह राजनीति क्यों कर रहे हैं. 

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