Truck Driver Strike: हिट एंड रन केस में नए कानून को लेकर पूरे देश के ड्राइवर विरोध पर उतर आए हैं. ड्राइवरों के संगठनों की तरफ से तीन दिन के हड़ताल के दूसरे दिन परिवहन व्यवस्था अस्त-व्यस्त दिखी. आजमगढ़ शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र व हाइवे पर बड़े वाहनों को दूसरे दिन भी नहीं चलने दिया गया. वहीं दूसरे दिन ऑटो, ई रिक्शा को भी नहीं चलने दिया जा रहा था. ग्रामीण इलाकों से शहर आने वाले मरीजों, कचहरी के वादकारियों व समस्या को लेकर सरकारी विभागों, बैंकों में जाने वाले फरियादियों को सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा.


वहीं शहर से करतालपुर से मंदुरी हाइवे, जीयनपुर से गोरखपुर मार्ग, सिधारी से मऊ हाईवे के साथ ही रानी की सराय से वाराणसी हाइवे सभी जगह वाहनों को रोका जा रहा था. यहां तक की हाथों में लाठी डंडे लेकर मारपीट की गई और वाहनों के शीशे फोड़े गए. जो जहां फंसा था वहीं फंसा रहा. जरूरी काम से निकले लोग वापस घर लौटने को मजबूर हुए. लेकिन कई स्थानों पर छोटे बच्चों व बुजुर्गों के साथ सामान को लेकर बाहर से आने जाने वाले यात्रीगण घंटों फंसे रहे.


इस स्थिति को देखते हुए संभागीय परिवहन अधिकारी राधेश्याम व सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी सत्येंद्र कुमार ने ड्राइवर व उनके संगठनों  और बस, ट्रक ऑपरेटर के साथ मीटिंग करके हड़ताल को खत्म करने व जो हड़ताल में शामिल नहीं होना चाहता है उसके लिए दबाव न बनने के लिए बातचीत की है.


'गलतफहमियों का शिकार हो रहे हैं ड्राइवर'
संभागीय परिवहन अधिकारी राधेश्याम ने साफ तौर पर कहा है कि जिस तरीके से इसका विरोध हो रहा है यह कानून अभी लागू नहीं हुआ है ड्राइवर को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है ऐसे में लोगों की बच जाएंगे और जो गलतफहमियों के शिकार हुए हैं उनको समझाने की कोशिश करेंगे.


ऑटो रिक्शा चालक संगठन के अध्यक्ष कृपा शंकर पाठक ने साफ तौर पर कहा है कि जिस तरीके से सरकार यह कानून लेकर आ रही है अगर ड्राइवर के साथ कोई अनहोनी हो जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा और इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा सरकार अगर इस कानून को वापस नहीं लगी तो हम लोग बड़ा आंदोलन करेंगे.


ये भी पढ़ें: Truck Driver Strike: यूपी में हड़ताल से हाहाकार के बीच योगी सरकार का बड़ा फैसला, जारी किए ये निर्देश