आजमगढ़ में उत्तर प्रदेश एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने अवैध शराब की तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए दो अंतरराज्यीय तस्करों को गिरफ्तार किया है. टीम ने इनके कब्जे से 537 पेटी अंग्रेजी शराब बरामद की है, जिसकी बाजार कीमत करीब 60 लाख रुपये बताई जा रही है. यह शराब बिहार भेजी जा रही थी, जहां शराबबंदी लागू है.
जानकारी के मुताबिक, यह कार्रवाई 14 अक्टूबर 2025 को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर कंधरापुर मोड़ (जनपद आजमगढ़) के पास की गई. गिरफ्तार तस्करों की पहचान भीमा राम पुत्र मंगा राम और योगेश कुमार पुत्र हरिराम, दोनों निवासी बाड़मेर (राजस्थान) के रूप में हुई है. इनके पास से एक कंटेनर ट्रक (फर्जी नंबर प्लेट सहित), एक मोबाइल फोन और 4,600 नगद भी बरामद किए गए हैं.
एसटीएफ और आबकारी टीम ने की कार्रवाई
एसटीएफ के निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई. टीम को सूचना मिली थी कि पंजाब से भारी मात्रा में शराब लेकर एक कंटेनर ट्रक बिहार जा रहा है. सूचना की पुष्टि होने पर एसटीएफ की टीम ने स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग के साथ मिलकर छापा मारा और तस्करों को दबोच लिया.
कंटेनर में रखे जाते चिप्स और नमकीन के पैकेट
पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए. गिरफ्तार तस्करों ने बताया कि वे चंडीगढ़ के शराब कारोबारी “आशु” के लिए काम करते हैं. आशु उन्हें शराब की खेप बिहार भेजने का काम देता था. कंटेनर में ऊपर से नमकीन और चिप्स के पैकेट रखे जाते थे, और बीच में शराब की पेटियाँ छिपाई जाती थीं ताकि चेकिंग में पकड़ न आए. इस ट्रक के लिए फर्जी बिल्टी भी बनाई गई थी, जिसमें नमकीन का माल दिखाया गया था.
तस्करों ने बताया कि आशु उन्हें हर बार की सप्लाई पर 1 लाख रुपये देता था.आशु पंजाब और आस-पास के राज्यों से सस्ती शराब खरीदता था और उसे ऊंचे दामों में बिहार के तस्करों को बेचता था. जांच में यह भी सामने आया कि ट्रक का रजिस्ट्रेशन नंबर और चेचिस नंबर भी फर्जी था. जब असली वाहन मालिक से संपर्क किया गया तो उसने बताया कि उसका ट्रक तो भिवंडी (महाराष्ट्र) में खड़ा है.
जांच में क्यूआर कोर्ड पाए गए फर्जी
एसटीएफ ने जब शराब की बोतलों पर लगे क्यूआर कोड की जांच कराई तो वे भी फर्जी पाए गए. फिलहाल एसटीएफ ने पूरे नेटवर्क की तहकीकात शुरू कर दी है.
गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद से अवैध शराब की तस्करी लगातार बढ़ी है. यूपी-पंजाब-हरियाणा जैसे राज्यों से शराब की खेप चोरी-छिपे बिहार भेजी जाती है.यूपी एसटीएफ ने पिछले एक साल में ऐसी कई कार्रवाइयों में करोड़ों रुपये की शराब जब्त की है और कई गिरोहों का पर्दाफाश किया है. इस ताजा कार्रवाई ने एक बार फिर साबित किया है कि यूपी पुलिस और एसटीएफ संगठित अपराधों के खिलाफ सख्ती से काम कर रही है.
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