लखनऊ. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पंचायत चुनाव को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है. अखिलेश ने कहा कि जिला पंचायत के चुनाव में बीजेपी के मुकाबले सपा के ज्यादा जिला पंचायत सदस्य जीते थे, लेकिन बीजेपी ने धन-बल, छल-बल, जिला व पुलिस प्रशासन के सहयोग से अपने जिला पंचायत अध्यक्ष बनवा लिए. अब बीजेपी ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में भी यही कहानी दोहराना चाहती है. 


सपा अध्यक्ष ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि अब ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव में प्रभारी निरीक्षक क्षेत्र पंचायत सदस्यों और समर्थकों की सूची मांग रहे हैं. यह लोकतंत्र का गला घोंटने की दूसरी कवायद है, क्योंकि बीजेपी जानती है कि अपने बूते कोई चुनाव जीतना अब उसके बस में नहीं है. छल, कपट, आतंक और झूठे मुकदमों में फंसाने की तरकीबें ही उसे आती हैं.


नामांकन प्रक्रिया से शुरू हुई धांधली
उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार की धांधली की शुरुआत नामांकन प्रक्रिया से ही शुरू हो गई है. देवरिया में सपा के प्रत्याशी को नामांकन पत्र लेने के लिए परिचय पत्र देने में आनाकानी की गई. धरने पर बैठे पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण को पुलिस ने जबरन उठाया. कन्नौज के छिबरामऊ में सपा के प्रत्याशी के हाथ से नामांकन पत्र छीना गया. बीजेपी कार्यालय में डीएम और एसएसपी जाकर बैठ गए. बलरामपुर में भी नामांकन पत्र नहीं खरीदने दिया जा रहा है. बस्ती के सपा जिलाध्यक्ष को पुलिस प्रशासन द्वारा प्रताड़ित किया जाना निंदनीय है.


पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयुक्त को ब्लाक प्रमुखों के चुनाव निष्पक्षता एवं स्वतंत्रता के साथ कराने के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करके ही संतोष नहीं करना चाहिए, बल्कि यह देखना भी चाहिए कि उन निर्देशों का पालन हो. राजभवन की भूमिका संवैधानिक दायित्व के निर्वहन के बजाय मूकदर्शक बने रहने की है.


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