Akhilesh Yadav Honored Rat Miners: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा शनिवार (9 दिसंबर) को सपा मुख्यालय लखनऊ में उत्तराखंड में उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने वाले रैट मानर्स को सम्मानित किया गया. सपा अध्यक्ष द्वारा रैट होल माइनिंग टीम के सदस्यों को अंगवस्त्र पहनाकर तथा उन्हें 1-1 लाख रुपये की धनराशि देकर सम्मानित किया गया. सपा मुखिया द्वारा दिए गए सम्मान को लेकर उत्तराखंड में भी चर्चा हो रही है. लोग इस कार्य की प्रशंसा कर रहे हैं कि उत्तरकाशी की विपदा पर सपा ने सकारात्मक रूख अपनाते हुए रैट माइनर्स के काम की सराहना की.


उत्तराखंड में उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने वाले अंकुर कुमार, मोनू कुमार, नसीम, मो इरशाद, वकील हसन, जहूर हसन, फिरोज कुरैशी, मो रसीद, नसरूद्दीन, इरशाद, जतिन कश्यप, सौरभ कश्यप, मुन्ना और देवेन्द्र को जान बचाने के लिए बधाई और सम्मान दिया गया है. वहीं रैट होल माइनिंग टीम के लीडर वकील हसन और मुन्ना ने अखिलेश यादव की प्रशंसा करते हुए कहा अखिलेश यादव से मिलकर खुशी हुई. उन्होंने कहा कि हम सबने मिलकर काम किया था. टीम में हिन्दू-मुस्लिम सभी थे, उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने हमें जो सम्मान और प्रेम दिया है वह हमारे लिए सबसे बड़ी दौलत है.


वहीं सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर 24 फरवरी 2021 को सपा उत्तराखंड की ओर से उत्तराखंड में ग्लेसियर फटने से मची भीषण तबाही में मंगसिरी देवी को 25 लोगों की जान बचाने के लिए सम्मानित किया गया. इसके साथ ही उन्हें समाजवादी पार्टी की ओर से 5 लाख रुपये का चेक भेंट किया गया. मंगसिरी देवी को चेक उत्तराखंड समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सत्यनारायण सचान, उपाध्यक्ष आभा बड़थ्वाल द्वारा भेंट किया गया. इस अवसर पर मंगसिरी देवी का बेटा विजेन्द्र कैरिनी भी उनके साथ था. इस दौरान मंगसिरी देवी ने कहा कि हमारा परिवार राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का आभारी है कि उन्होंने  उत्तराखंड में हमारा सम्मान बढ़ाया और हमारी मदद की.
 
इससे पहले साल 2013 में केदारनाथ में भयंकर आपदा में जब हजारों मौंते हुई थीं और तमाम लोग वहां फंस गए थे तब भी अखिलेश यादव ने मदद की थी. सपा मुखिया अखिलेश यादव तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और उन्होंने 16 जुलाई 2013 को 2 सौ बसों का बेड़ा तैनात किया था ताकि ऋषिकेश और देहरादून में फंसे लोगों को निकाला जा सके. इसके साथ ही तत्कालीन एडीएम सहारनपुर के साथ डॉ सचान को भी यहां राहत कार्य की देखरेख का जिम्मा सौंपा गया था. वहीं उन्होंने तब उत्तराखंड सरकार को 25 करोड़ रुपये की मदद भी की थी.


अखिलेश यादव का मानना है कि उत्तराखंड में कोई भी परियोजना पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के अध्ययन के बाद ही लागू होनी चाहिए. उत्तराखंड के पहाड़ कच्चे संवेदनशील और नए हैं. ऋषिकेश, कर्ण प्रयाग के बीच बन रही रेल लाइन के प्रति भी तमाम आशंकाएं हैं. अखिलेश यादव ने पर्यावरण की अनदेखी कर विकास के नाम पर विनाशपरक योजनाएं चलाने का विरोध किया और कहा कि सुरंग निर्माण में जो अनियमितता बरती गई उससे 41 श्रमिकों की जिंदगी दांव पर लग गई थी, यहां मानव श्रम के साथ लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए.


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