Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान बीते चुनावों के पुराने किस्से याद किए जा रहे हैं. लोकसभा सीटों के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य में हर दिन कुछ रोचक किस्सा सामने आ रहा है. अब अयोध्या सीट से जुड़ा 15 साल पुराना किस्सा सामने आया है जब राज्य में मायावती के नेतृत्व वाली बीएसपी की सरकार थी और 2009 के आम चुनाव हो रहे थे. 


साल 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने डॉ. निर्मल खत्री को अपना उम्मीदवार बनाया था. वह बीते पांच चुनावों से लगातार हार रहे थे लेकिन कांग्रेस ने छठवीं बार उनपर फिर भरोसा जताया और उन्हें अयोध्या यानी फैजाबाद सीट से उम्मीदवार बना दिया था. बीएसपी प्रमुख मायावती उस वक्त मुख्यमंत्री थीं और अपने उम्मीदवार के समर्थन में फैजाबाद में रैली की. 


पंडाल बनाने के लिए नहीं था समय
इसके दो दिन बाद फैजाबाद में पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की रैली होने वाली थी, जो उस वक्त कांग्रेस की अध्यक्ष थीं.   तब सोनिया गांधी की रैली के लिए पंडाल बनाने का वक्त ही नहीं मिला और फिर स्थिति ऐसी बन गई कि अंत में सोनिया गांधी को बीएसपी प्रमुख मायावती की जनसभा के लिए बने पंडाल में ही कांग्रेस की रैली करनी पड़ी थी. 


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इस रैली ने यहां बीते पांच चुनावों में हार झेल चुके डॉ. निर्मल खत्री की किस्मत को बदल दिया. हालांकि टिकट मिलने से पहले डॉ. खत्री चुनाव लड़ने की मूड में नहीं थे. पिछली पांच हार के बाद हताश पड़े डॉ. खत्री ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था. लेकिन पार्टी नेताओं द्वारा समझाए जाने के बाद वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गए थे. 


जब इस चुनाव का रिजल्ट आया तो सभी को चौंकाने वाला था. बीते पांच चुनाव में हार के बाद हताश पड़े कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. निर्मल खत्री ने जीत दर्ज की थी. तब उन्हें करीब 2,11,543 वोट मिले थे. जबकि दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार मित्रसेन थे और उन्हें 1,57,315 वोट मिले. कांग्रेस प्रत्याशी ने करीब 54 हजार के अंतर जीत दर्ज की थी.