Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश में सोनभद्र (Sonbhadra) जिले की पुलिस को शनिवार को एक बड़ी कामयाबी मिली. एसटीएफ (STF) की तरफ से तेल के खेल के किए गए पर्दाफाश के बाद अब सोनभद्र पुलिस (Sonbhadra Police) ने एनसीएल की खदानों से राजस्थान के चित्तौड़ जाने वाले कोयले को फर्जी कागजातों के जरिए चंदासी मंडी पहुंचाने के खेल का पर्दाफाश कर दिया. पुलिस अधीक्षक यशवीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले का खुलासा किया. दो दिन तक चली कार्रवाई में जहां मास्टरमाइंड सहित रैकेट से जुड़े 13 लोग चिन्हित कर लिए गए हैं वहीं चार को गिरफ्तार कर लिया गया है. कोयला लदे तीन ट्रक की भी बरामदगी की गई है.


एसपी ने क्या बताया
सोनभद्र के एसपी डा. यशवीर सिंह ने बताया कि इसकी जड़ें मध्य प्रदेश के सिंगरौल, उत्तर प्रदेश के सोनभद्र, वाराणसी, चंदौली सहित अन्य जगहों से जुड़ी हुई हैं. इस रैकेट से और कौन-कौन जुड़े हैं और इसका दायरा कहां तक फैला है इसकी जानकारी कराई जा रही है. सूचना के आधार पर चोपन और राबटर्सगंज पुलिस ने अपने-अपने एरिया में शुक्रवार की देर शाम चेकिंग की तो फर्जी कागजात के आधार पर कोयला परिवहन कर रहे तीन ट्रक पकड़े गए. दो ट्रक चोपन पुलिस ने पकड़ा, एक ट्रक राबटर्सगंज पुलिस के हत्थे चढ़ा. हाइवे के अन्य थानों को भी कोयला चोरी पर नजर रखने और मामले का पता चलते ही कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.


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इन्हें किया गया चिन्हित
एसपी ने बताया कि चोपन में पकड़े गए ट्रक चालक पवन यादव निवासी मधुपुर, थाना राबटर्सगंज और परमेश्वर यादव निवासी सलखन देवरिया टोला, थाना चोपन से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर उनको फर्जी कागजात सौंपने वाले दिलीप जायसवाल पुत्र राधेश्याम जायसवाल निवासी डिबुलगंज, थाना अनपरा को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं इस गिरोह के मास्टरमाइंड बबलू सिंह निवासी सिंगरौली बड़े मंदिर के पास, मोरवा, विजेंद्र जायसवाल पुत्र हरिराम जायसवाल निवासी पहड़िया रोड जेडी नगर कालोनी ओखा वाराणसी, बृजेश कुमार जायसवाल पुत्र देवनारायण जायसवाल निवासी बड़े मंदिर के पास, थाना मोरवा, सिंगरौली को चिन्हित किया गया. 


की जा रही छानबीन
वहीं राबटर्सगंज में पकड़े गए चालक राजनारायण यादव निवासी तिनताली थाना राबटर्सगंज से मिली जानकारी के आधार पर ट्रक मालिक उर्मिला पांडेय, धर्मेंद्र यादव, कमलेश यादव, मेसर्स सुपर इंटरप्राइजेज अनपरा, परासी सप्लायर और खरीददार मेसर्स सिंह इंटरप्राइजेज कोल मंडी चंदासी, मुगलसराय, चंदौली को चिन्हित किया गया है. कुछ और लोगों के तस्करी के इस रैकेट में शामिल होने की जानकारी मिली, जिसको लेकर छानबीन जारी है.


कैसे करते थे तस्करी
एसपी के मुताबिक एनसीएल की बीना परियोजना से राजस्थान के चित्तौड़ जिले में भीलवाड़ा जाने वाले कोयले को, राजस्थान की बजाय चंदासी मंडी पहुंचाने के लिए, रैकेट का मास्टरमाइंड बबलू, संबंधित ट्रक मालिक और चालक को पहले ही सेट करता था. इसके बाद दिलीप जायसवाल को वाहन नंबर और चालक का नंबर वाट्सअप के जरिए भेज देता था. बीना परियोजना से कोयला लदी गाड़ी बाहर आने पर चालक से असली कागजात लेकर, उसे डिबुलगंज यार्ड के नाम पर बनाकर फर्जी कागजात थमा दिया जाता था. 


अनपरा के एक फर्म के जरिए इसकी आपूर्ति दिखाई जाती थी. डिबुलगंज सहित अन्य कोल यार्डों के जरिए कोल तस्करी का रैकेट संचालित हो रहा था. फिलहाल इसकी तह तक जाकर पूरे सिंडिकेट का खुलासा किया जाएगा. एसपी की तरफ से डीएम और खान अधिकारी को जांच कर कार्रवाई के लिए पत्र भेजा जा रहा है. इसी तरह सलईबनवा में बड़े स्तर पर होने वाली कोयला डंपिंग के भी जांच के निर्देश दिए गए हैं.


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