उत्तराखंड के सितारगंज में रहने वाले राजबहादुर मर्या के बेटे राकेश कुमार की रूस में संदिग्ध रूप से मौत हो गयी. आरोप है कि उसे जबरन सेना में भर्ती किया गया था. जबकि वह रूस में पढाई के लिए गया था. परिजनों ने विदेश मंत्रालय से संपर्क जब किया तो उसकी मौत हो चुकी थी. उसका शव बुधवार शाम शक्तिफार्म स्थित घर लाया गया और अंतिम संस्कार किया गया.
राकेश की मौत से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है. किसी को यकीन नहीं हो रहा कि पढ़ाई के लिए गए राकेश के साथ ऐसी घटना हो जाएगी. परिवार ने राकेश को वापस लाने के सभी जतन किए, लेकिन ज़िंदा वापस नहीं लौट सका.
अगस्त 2025 में गया था रूस
सितारगंज विधानसभा के शक्तिफार्म क्षेत्र के रहने वाला राकेश कुमार मौर्या पुत्र राजबहादुर मौर्या सुरेंद्रनगर आठ अगस्त 2025 को पढ़ाई के लिए रूस गया था. राकेश कुमार ने परिजनों को 30 अगस्त को फोन पर बताया कि उनको रूस में आर्मी की ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है. जहां उसकी ट्रेनिंग चल रही हैं. 30 अगस्त के बाद जब राकेश कुमार के परिवार का उनसे फोन पर वार्ता नहीं हो पाई, तो राकेश के माता पिता 5 सितंबर को भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के शिकायत विभाग में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई.
कई बार दिल्ली जाकर विदेशी मंत्रालय और रूस के दूतावास से सम्पर्क कर राकेश को रूस से वापस लाने का बहुत प्रयास किया. दस दिन पहले उनको अधिकारियों ने बताया कि उनके बेटे राकेश की मौत हो गई है. 17 दिसंबर को 2025 को राकेश कुमार का शव हवाई जहाज से दिल्ली एयरपोर्ट लाया गया, और वहां से राकेश का सितारगंज विधानसभा के शक्तिफार्म पहुंचा जहां देर शाम उनके पार्थिव शरीर का अन्तिम संस्कार किया गया.
यूपी के बदायूं का रहने वाला है परिवार
मृतक राकेश कुमार का परिवार मूलरूप से यूपी के बदायूं जनपद के गुर्जर पलिया क्षेत्र का रहने वाला है. मृतक राकेश के पिता राजबहादुर काम की तलाश में सितारगंज विधानसभा शक्तिफार्म आए थें. राजबहादुर के तीन बेटे हैं, उनका बड़ा बेटा बैंगलोर में नौकरी कर रहा हैं. मृतक राकेश कुमार मझला बेटा था, राकेश कुमार ने शक्ति फार्म के जीआईसी से प्रारंभिक शिक्षा हासिल करने के बाद खटीमा से बीएससी और आईटी में डिप्लोमा हासिल किया. और तीसरा बेटा पंतनगर से बीटेक की पढ़ाई कर रहा है.