Shravasti News: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में डेंगू का प्रकोप देखने को मिल रहा है. इसको लेकर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर रहा है. वहीं, श्रावस्ती में भी हेल्थ डिपार्टमेंट पूरी तरह से एक्टिव है. यहां के जिला अस्पताल में डेंगू से निपटने के लिए अलग से 8 बेड का एक वॉर्ड तैयार किया गया है. साथ ही, डेंगू जांच के लिए रैपिड किट भी उपलब्ध हैं. हालांकि, श्रावस्ती के लिए राहत की खबर यह है कि इस साल अभी तक डेंगू का एक भी केस रिपोर्ट नहीं किया गया है. 


बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल समेत सभी हॉस्पिटल्स को अलर्ट पर रहने को कहा है. जिले के 5 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 2-2 बेड अलग से रिजर्व कर दिए गए हैं और जांच के लिए 100-150 टेस्ट किट भी उपलब्ध कराई गई हैं. 


डेंगू से बचाव के लिए जनता को किया जा रहा जागरूक
श्रावस्ती में डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य टीम गठित की गई है, जो लोगों को घर-घर जाकर सफाई रखने के लिए जागरूक करती है. वहीं, जिला अस्पताल में डेंगू को लेकर व्यापक तैयारियां चल रही हैं. अस्पताल भिनगा में डेंगू से पीड़ित मरीजों को रखा जाएगा. इसके लिए 8 बेड का एक वॉर्ड बनाया गया है. वहीं, स्वास्थ्य टीम के जनता को डेंगू से बचाव के लिए जागरूक कर रही है. घरों में कूलर, फ्रिज, गमलों आदि में इकट्ठा हुए पानी को साफ कराया जा रहा है. लोगों को पीने का पानी उबालकर इस्तेमाल करने की सलाह दी जा रही है. इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग की टीमें लोगों को डेंगू से बचाव के प्रति सचेत कर रही हैं. 


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डेंगू से नहीं, बल्कि इस बीमारी से ग्रसित हैं लोग
श्रावस्ती में अभी तक डेंगू के केस तो सामने नहीं आए हैं, लेकिन जानकारी मिल रही है कि जिला अस्पताल में सर्दी-बुखार से पीड़ित मरीज़ों की संख्या काफी बढ़ गई है. डॉक्टरों के कैबिन के आगे और पैथालॉजी के सामने लंबी-लंबी कतारें नज़र आ रही हैं. माना जा रहा है कि लोग मौसम बदलने की वजह से बीमार हो रहे हैं या फिर वायरल फीवर है.


वहीं, सीएमएस जेठा सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि डेंगू या संचारी रोगों से ग्रसित मरीजों के इलाज के लिए जिला अस्पताल में 8 बेड का वॉर्ड तैयार है. अगर कोई मरीज यहां आता है तो उन्हें इस वॉर्ड में एडमिट किया जाएगा. मरीजों के बिस्तर पर मच्छरदानी लगाई गई है और उनकी जांच की व्यवस्था भी की गई है. डॉक्टर का कहना है कि डेंगू की वजह से सबसे बड़ा खतरा होता है मरीज में प्लेटलेट्स का कम होना. ऐसे में पेशेंट का ब्लड टेस्ट किया जाता है. जन मरीजों में प्लेटलेट्स की कमी होती है, उनकी बॉडी पर छोटे-छोटे लाल-लाल धब्बे बनने लगते हैं, जिससे पता चलता है कि ब्लीडिंग हो रही है. यह पेशेंट में डेंगू की पुष्टि करता है और बताता है कि बॉडी में प्लेटलेट्स की कमी हैय 


मरीजों के इलाज के लिए बनाए गए सरकारी प्रोटोकॉल
इसके बाद, मरीज को अलग से प्लाज्मा चढ़ाया जाता है. यह पूरा मैनेजमेंट अस्पताल की तरफ से किया गया है. बच्चों के डॉक्टर और फिजीशियन को भी जानकारी दे दी गई है. डॉक्टर्स को बताया गया है कि मरीजों का सरकारी प्रोटोकॉल के हिसाब से इलाज करें.