लखनऊ: कोरोना महामारी के दौरान कई अस्पतालों ने मनमाने तरीके से फीस वसूली. एक तरफ मरीज की तीमारदार अपने मरीज को बचाने की जद्दोजहद कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ निजी अस्पतालों ने लोगों का शोषण किया. इस बीच राजधानी लखनऊ में कोविड रोगियों के इलाज के लिए अधिक वसूली करने वाले तीन और अस्पतालों को नोटिस भेजा है.


नोडल अधिकारी ने जवाब तलब किया


लखनऊ की नोडल अधिकारी डॉ. रौशन जैकब ने अधिक वसूली की शिकायतों का संज्ञान लेते हुये कड़ी कार्रवाई की है. शहर के ओपी चौधरी, चरक हास्पिटल व मेट्रो सिटी हास्पिटल से स्पष्टीकरण तलब किया गया है. 24 घंटे के भीतर सभी संबंधित दस्तवेज़ों सहित जवाब मांगा है.


मनमाने ढंग से लिया शुल्क


ओपी चौधरी हास्पिटल एन्ड रिसर्च सेंटर द्वारा दवाओं के मद में मनमाने ढंग से शुल्क लेने के साथ ही सर्जिकल गुड्स, चिकित्सा परामर्श, पैथोलॉजी जांच सहित अन्य मदों में अत्यधिक राशि कोविड उपचार के रूप में वसूलने का आरोप लगा है. दूसरी तरफ चरक हास्पिटल एन्ड रिसर्च सेंटर द्वारा कोविड रोगी के परिजनों से अधिक वसूली का आरोप है.


चरक हॉस्पिटल ने बनाया 10 लाख से ज्यादा का बिल


इन आरोपों को लेकर शिकायतकर्ता का कहना है कि, उक्त रोगी को 21 अप्रैल को जेहटा रोड स्थित हास्पिटल में भर्ती कराया गया, जो 5 मई तक वहां रहा और उसके बाद रोगी को दुबग्गा स्थित चरक हास्पिटल में पोस्ट कोविड इलाज के लिए भर्ती कराया गया.  13 मई को रोगी की मौत हो गई. हास्पिटल द्वारा इस मरीज़ की भर्ती अवधि के लिए कुल 10 लाख से ज्यादा रुपये का बिल बनाया गया, जिसमे 2 लाख 4 हजार 65 रुपए दवाइयों के भुगतान के रूप में वसूले. 


शिकायतकर्ता द्वारा उपलब्ध कराई गई बिल समरी को देख कर ऐसा लगता है कि, हास्पिटल द्वारा डॉक्टर विजिट, प्रोसिजरल चार्जेज इत्यादि मदों में अत्यधिक राशि वसूल की गई.


मेट्रो हास्पिटल ने भी की वसूली


वहीं, मेट्रो सिटी हास्पिटल पर कोविड रोगी के 8 दिन के उपचार के दौरान विभिन्न मदों में कुल 5 लाख, 25 हज़ार वसूलने का आरोप लगाया है. लेकिन इलाज के भुगतान से सम्बंधित उनको कोई बिल उपलब्ध नहीं कराया गया. डिस्चार्ज के 15 दिन बीत जाने के बाद भी हास्पिटल द्वारा रोगी के परिजन को बिल नहीं उपलब्ध कराया.


शिकायतकर्ता का आरोप है कि, मरीज का भोजन, डॉक्टर व स्टाफ के लिए पीपीई किट, ग्लब्स, मास्क इत्यादि का खर्चा भी मरीज से वसूल किया गया. शिकायतकर्ता द्वारा हास्पिटल पर ओवर प्राइजिंग, मानसिक प्रताड़ना व मार पीट का भी आरोप लगाया गया है.


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