बुर्का विवाद के बाद से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विवादों में घिरे हुए हैं. विपक्ष लगातार उनपर निशाना साध रहा है तो वहीं सहयोगी दलों के नेता उनकी सफाई में बयान दे रहे है. इस बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री संजय निषाद ने नीतीश कुमार का बचाव करते हुए बेहद विवादास्पद बयान दे दिया, जिससे बाद से उन्हें भी सवालों के घेरे में खड़ा किया जा रहा है. 

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मुस्लिम समुदाय के लिए नीतीश कुमार का पटना में किया गया रवैया कोई मजाक की बात नहीं है. उन्होंने मुस्लिम महिला डॉक्टर के चेहरे से उसका बुर्का अपने हाथों से नीचे खींच दिया था, जिसकी आलोचना लगातार की जा रही है. इस मसले को संजय निषाद ने मजाक समझकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था- 'केवल बुर्का खींचा है तो इतना हल्ला हो रहा है, कहीं यहां-वहां उंगली लगा देते तो क्या होता?'

अपनी सफाई में क्या बोले संजय निषाद?

इस विवादित बयान के चलते भारी आलोचना का सामना करने के बाद अब संजय निषाद ने सफाई पेश की है. मामले के तूल पकड़ने और विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने कहा, "मैंने सिर्फ बात को टालने और विवाद न बढ़े इसलिए ऐसा कहा था. गांव देहात में, पूर्वांचल में बात टालनी होती है तो कहते हैं, फलनवा ई बतिया कहल अउर कुछ नाहीं कहल नै, छोड़ै जाए दा. मैंने हंसते हुए सहज भाव में ऐसी बात कही थी."

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संजय निषाद का यह भी कहना है कि अगर किसी को उनके बयान का बुरा लगा तो वे अपनी बात वापस लेते हैं. इसी के साथ एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए संजय निषाद ने कहा कि उनके काम को जनता जानती है. 

सुप्रिया श्रीनेत ने जताई नाराजगी

संजय निषाद के बयान पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह यह बेशर्मी की बात हंसते हुए यूपी सरकार में मंत्री संजय निषाद कह रहे हैं. जिस अंदाज और जिस काइयां हंसी के साथ वह यह बात कह रहे हैं, यह उनकी घटिया और महिला विरोधी सोच को दर्शाता है. 

सपा ने भी साधा था निशाना

संजय निषाद को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता का कहना था कि ऐसी मानसिकता के लोगों से उत्तर प्रदेश की हर मां बेटी को बचाना है. ऐसे लोग किसी की भी मां-बहन और बेटी की इज्जत नहीं कर सकते. फिर वो किसी भी धर्म की मानने वाली हों.