Ramjilal Suman Controversy: समाजवादी पार्टी राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन लगातार अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने हुए है. सोमवार को उन्होंने फिर मंदिर-मस्जिद को लेकर ऐसा बयान दिया जिस पर सिसायत तेज हो गई. यही नहीं उन्होंने करणी सेना को भी फर्जी सेना बताते हुए दो-दो हाथ होने की चेतावनी दी थी, जिसके बाद अब उनकी अपनी बयान पर सफाई आई है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टी मैं वैचारिक संघर्ष होता है. हम गांधी, लोहिया और जय प्रकाश को मानने वाले लोग हैं.
सपा सांसद ने कहा कि हम सामाजिक सद्भाव के पक्षधर हैं, हम चाहते हैं कि अगर कोई हमारी राय से असहमत है तो असहमति का हमारे देश में विरोध करने का तरीका है, संविधान में कानून हैं. कानून का सहारा लें, हिंसक बातें करना ठीक नहीं है. मुझे कहीं ऐतिहासिक संदर्भ मिल जाता है. उसका जिक्र मैं कर देता हूं. मैं बिना सिर पैर की बात नहीं करता हूं. 19 तारीख को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी आगरा आ रहे है तो उनसे बातचीत करके भविष्य की रणनीति तय की जाएगी.
रामजीलाल सुमन ने दी बयान पर सफाईजहां तक संघर्ष की बात है तो राजनीति पार्टी वैचारिक संघर्ष होता है तोप और तलवार से संघर्ष नहीं होता. हमारे आदर्श लोहिया और गांधी और जयप्रकाश जी है. हमारा अहिंसा में पूरा विश्वास हैं. तो भविष्य की रणनीति बनाकर अहिंसक तरीके से आंदोलन होगा. यही मेरा कहना था. दो दो हाथ करने का मतलब कुछ ओर नहीं है बल्कि वैचारिक होता है, राजनीति में दो दो हाथ करना राजनीतिक वैचारिक होता है.
रामजी लाल सुमन ने करणी सेना पर बोलते हुए कहा कि मेरा उनसे अनुरोध है कि अगर वो मेरी किसी बात से असमत है तो जनतंत्र में विरोध करने के संवैधानिक रास्ते है. हिंसक माहौल न बनाए. सामाजिक सद्भाव को बनाए रखे. हमारी लड़ाई वैचारिक हो सकती है पर हिंसक माहौल ठीक नहीं है.
बता दें इससे पहले सोमवार को अंबेडकर जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में सपा सांसद ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर तुम भी कहोगे कि हर मस्जिद के नीचे मंदिर है, तो हमें यह कहना पड़ेगा हर मंदिर के नीचे बौद्ध मठ है. उन्होंने सवाल किया कि अगर तुम मुसलमानों में बाबर का डीएनए बताते हो तो तुम्हारा डीएनए क्या है?
'मैदान तैयार, कोई माई का लाल..', सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने करणी सेना को दी खुली चुनौती