Ram Gopal Yadav in Rajya Sabha: बुधवार को राज्यसभा में सपा सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव (Ram Gopal Yadav) ने चंद्रयान 3 की सफलता को लेकर अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने इसरो के सामने ऐसी मांग रख दी, जिसे सुनकर सदन में मौजूद सब लोग हंसने लगे और ठहाके लगने लगे. हुआ ये कि बुधवार को राज्यसभा में 'भारत की गौरवशाली अंतरिक्ष यात्रा चंद्रयान-3’ की सफल सॉफ्ट लैंडिंग विषय पर चर्चा हुई. इस पर अपनी बात रखते हुए राम गोपाल ने कहा कि हमें चांद की बदसूरत तस्वीरें अच्छी नहीं लगती, इन तस्वीरों को इसरो अपनी स्टडी के लिए ही रखे उन्हें जारी न करें. 


सबा सांसद रामगोपाल यादव ने कहा, "अनंत काल से हम लोग चंद्रमा को खूबसूरत मानते रहे हैं. हम अपने वैज्ञानिकों से कहेंगे कि चंद्रमा की बदसूरत तस्वीरें मत भेजिए, रिसर्च करते रहिए." उन्होंने कहा ऐसी फोटो उनके मन को लग जाती है. इन फोटो को अपने पास स्टडी के लिख रखे उन्हें जारी न करें, ये सुनकर पूरा सदन हंस पड़ा, यहां तक कि सभापति जगदीप धनखड़ भी अपनी हंसी नहीं रोक सके और वो भी खिलखिलाकर हंस दिए. 


चांद का बदसूरत तस्वीरें जारी न करे इसरो


सपा सांसद ने इस दौरान हिन्दी के प्रसिद्ध कवि केशव के दोहे का जिक्र करते हुए अपनी बात बढ़ाते हुए कहा कि ‘केसव केसन अस करि ज्यों अरि हूं न कराय, चंद्रबदन मृगलोचनी बाबा बाबा कहि कहि जाय.’ इसके बाद उन्होंने इसका अर्थ बताते हुए कहा कि इस दोहे में प्रसिद्ध कवि केशव अपने सफेद बालों को कोसते हुए कहते हैं कि उनके सफेद बालों की वजह से चंद्रमा के समान मुख वाली और हिरन के समान आंखों वाली लड़कियां उन्हें बाबा कहकर संबोधित करने लगी हैं.


प्रो. रामगोपाल यादव ने कहा कि चंद्रमा, सुंदरता का प्रतीक है, इसलिए महिलाओं के नाम भी शशि प्रभा, चंद्र प्रभा जैसे दिए जाते हैं तो पुरुषों के नाम सुभाष चंद्र, माणिक चंद्र रखे जाते रहे हैं. ऐसे सुंदर चंद्रमा की जब बदसूरत तस्‍वीर देखने को मिलती है तो लोगों के मन को यह बात लग जाती है.


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