बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए गठबंधन की ओर से घोषणापत्र जारी कर दिया गया है, जिसमें एनडीए ने एक करोड़ नौकरी का वादा किया है, जिस पर समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि एनडीए के घोषणा पत्र और उनके वादों को कोई मतलब नहीं होता है. 

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सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने एनडीए के घोषणा पत्र पर निशाना साधते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के घोषणापत्र का कोई महत्व नहीं है क्योंकि सरकार में आने के बाद वो उसे रद्दी की टोकरी में डाल देते हैं. 

अवधेश प्रसाद ने साधा निशाना

सपा सांसद ने कहा कि घोषणा पत्र तो समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन का ही होता है, जो कि सरकार बनने के बाद जो भी वादे किए जाते हैं पाँच साल में उन्हें पूरा किया जाता है. हमारे लिए घोषणा पत्र एक पवित्र दस्तावेज होता है, जैसे धार्मिक ग्रंथों को हम अपने घरों में रखते हैं उसका अनुसरण करते हुए उसका पालन करते हैं. हमारा घोषणा पत्र ऐसा होता है. 

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सपा नेता ने इस दौरान मोकामा में जनसुराज पार्टी के समर्थक दुलारचंद की हत्या को लेकर पर क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाए और चुनाव आयोग से राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष माहौल में वोट कराने की अपील की. 

चुनाव आयोग से निष्पक्ष चुनाव की मांग

अवधेश प्रसाद ने कहा कि मोकामा में जो घटना हुई वो लोकतंत्र पर हमला है, ऐसे वक्त में जब वहां वोटिंग में बहुत कम समय बचा है, इस तरह का वातावरण बनाना, इस तरह हिंसा होना लोकतंत्र पर हमला है. 

मैं चुनाव आयोग, बिहार सरकार और खासकर प्रधानमंत्री से अनुरोध करता हूँ कि वहां का चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष, निर्भीक होकर मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर पाएं, ऐसे माहौल सुनिश्चित करना चाहिए. बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान की गारंटी के अनुसार राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित किया जाए. 

दो चरणों में होगा बिहार चुनाव

बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में वोटिंग होगी, पहले चरण में राज्य के 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों के छह नवंबर मतदान होगा जबकि दूसरे चरण के लिए 11 नवंबर को वोटिंग होगी. चुनाव की मतगणना 14 नवंबर को होगी. बिहार में एनडीए और महागठंबधन के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा.