यूपी विधानसभा मानसून सत्र के पहले दिन मेरठ की सरधना सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान का एक अलग अंदाज देखने को मिला. सपा विधायक आज कांवड़ लेकर विधानसभा परिसर पहुंचे, इस कांवड़ में एक तरफ लिखा था- 'हमें चाहिए पाठशाला' और दूसरी तरफ था- 'हमें नहीं चाहिए मधुशाला'

अतुल प्रधान ने इस दौरान यूपी में स्कूल मर्जर को लेकर सवाल उठाए और कहा कि सरकारी स्कूलों को बंद करने का नियम किसने बनाया है? 2019 में पहले बंद करने का काम किया. आखिर सरकारी स्कूलों में कौन पढ़ता है? यहां गरीब-मजदूर छोटा-मोटा व्यापार करने व्यापार करने वालो के बच्चे पढ़ते हैं. 

स्कूल मर्जर के फैसले पर उठाए सवाल

सपा विधायक ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों में कहीं ड्रेस कहीं फीस के नाम पर वसूली की जाती है. जिसमें आम आदमी का बच्चा नहीं पढ़ सकता है. हमें पाठशाला से मतलब है, हमें स्कूल चाहिए.. हमें मधुशाला नहीं चाहिए. सरकार 27000 पाठशालाएं बंद करने जा रही है वहीं इतनी मधुशालाएं खोली जा रही हैं.

अतुल प्रधान ने एक किलोमीटर के अंदर मर्जर की बात पर कहा कि जो बच्चा अपने गांव में नहीं पढ़ पा रहा है वह 1 किलोमीटर दूर जाकर कैसे पड़ेगा? उसकी व्यवस्था कौन करेगा? बच्चों के साथ तमाम तरह की घटनाएं होती हैं, दुष्कर्म होता है उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? 

ये सरकार बाबा साहब को नहीं मानती, संविधान और लोकतंत्र को खराब करना चाहती है. इससे बड़ा दुर्भाग्य कुछ नहीं हो सकती हो सकता कि नौजवानों को शराब के दलदल में भेजा जा रहा है वहीं स्कूलों को बंद किया. प्री प्राइमरी स्कूल खोलने पर कहा कि आखिर ऐसी नौबत क्यों आ रही है? 

मानसून सत्र को लेकर कही ये बात

यूपी में साल 2018 से कोई नई भर्ती नहीं हुई. टीजीटी, पीजीटी के एग्जाम नहीं हो पा रहे हैं. नई भर्तियां नहीं हो रही है हमारी लड़ाई यही है. यहां कोई चार दिन का सत्र नहीं है सिर्फ दो दिन का सत्र चलेगा और 2 दिन में अपने झूठे-सच्चे गुणगान करेंगे लेकिन जनता सब जान गई है.

सपा की पीडीए पाठशाला पर अतुल प्रधान ने कहा कि "अगर ए फॉर अखिलेश पढ़ा दिया तो क्या बुरा है अखिलेश यादव जी पूर्व मुख्यमंत्री है उत्तर प्रदेश के तो क्या बुरा है, वहीं मुख्यमंत्री जी किसी मंच पर कह रहे थे कि G फॉर गधा तो यह लोग जी पर गधा पढ़ते होंगे. अखिलेश जी को G फ़ॉर गरीब पता है और हम गरीबों के लिए काम करते हैं. हम लोग लड़ाई लड़ेंगे.