समाजवादी पार्टी (सपा) से रामपुर के सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी पर लगे आरोपों को लेकर वरिष्ठ नेता आजम खान ने निशाना साधा है. उन्होंने अपने ही अंदाज में तंज कसते हुए कहा कि ये उनका निजी मामला है, मैं इस पर क्या कह सकता हूं, जहां तक बात रही उनके टिकट की तो यह उनका मुकद्दर था, टिकट मिला, जीते और सांसद बने.
सपा नेता से जब मोहिबुल्लाह पर लगे आरोपों पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि एक से गुजारा नहीं हो पाता और एक की शिकायतें भी बर्दाश्त नहीं हो पातीं लेकिन, नसीब अपना-अपना होता है. एक साहब का किस्सा है, नई-नई दोस्ती हुई थी. नए दोस्त ने पुराने ने पूछा कि शादी हो गई आपकी, पुराने ने कहा कि हां, ये मेरी सैंतालीसवीं बीवी है.
नए ने हैरानी से कहा, अरे! लेकिन शरीअत में तो चार से ज्यादा की इजाजत नहीं है, उन्होंने मुस्कुराकर जवाब दिया कि निकाह के तीन दिन बाद बीवी मर जाती है, तो मैं फिर शादी कर लेता हूं. फिर उन्होंने सवाल करने वाले से पूछा कि और आपकी. उन्होंने कहा कि हमारा तो ऐसा नसीब कहां? कोई एक से परेशान है, किसी के लिए माशाल्लाह इतने लोग इंतजार कर रहे हैं.
उनकी चाहने वालों की तादाद भी कम नहीं है, उनकी लोकप्रियता भी है और उनकी मिसाल भी दी जाती है. वह उनकी जिंदगी है, उनका तरीका, उसमें आपको या मुझे क्या एतराज हो सकता है. उन्होंने कहा कि इसमें व्यक्ति की क्या गलती थी? चार की इजाजत है. एक खातून ने मुकदमा किया है, वह न करती तो ज्यादा बेहतर होता. आजम खान ने कहा कि ये निजी मामला है. इस पर हम क्या टिप्पणी करें? मुकद्दर से टिकट मिला और सांसद बन गए.
आजम खान ने अपने अंदाज में दिया जवाब
आजम ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए एक दौर का जिक्र करते हुए कहा कि पहले बाज उड़ाया जाता था, लोग जमा होते थे, शाही बाज होता था, यह सिस्टम था. दुनिया में बाज जिसके सिर पर बैठ जाता, वह बादशाह हो जाता था. कोई भी हो सकता था. उन्होंने बताया कि मुझे यूपी में सबसे ज्यादा पेंशन मिलती है. मुझे और मेरी पत्नी को पेंशन मिलती है. अब तक देश में ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं बना है कि कोई व्यक्ति एक ही संसदीय क्षेत्र से लगातार 13-14 बार चुना गया हो. लोग संसदीय क्षेत्र बदलकर 8 बार पहुंचे हैं. लेकिन, एक ही संसदीय क्षेत्र से लगातार चुना जाना रिकॉर्ड है. मेरा वोट हर बार बढ़ा है.
उन्होंने कहा कि हाइवे पर खड़े हो जाऊं तो रास्ता रुक जाएगा. मोहब्बत है, लोगों का प्यार.. यह लगाव क्यों पैदा हुआ? हमारी तो शक्ल-सूरत भी अच्छी नहीं थी. कुछ तो मैंने किया होगा जो मोहब्बत होती थी. हां, ऐसा भी नहीं है कि मेरे वोट घटे हों, हर बार मुझे पहले से ज्यादा वोट मिले हैं.
देवउठनी एकादशी पर संगम नगरी प्रयागराज में सजी आध्यात्मिक छटा, सवा लाख दीपों से जगमगाई यमुना