UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में इन दिनों सियासी दलों का जोर यात्राओं पर है. सियासी दलों के लोग अलग-अलग यात्राएं निकालकर जनता के बीच पहुंच रहे हैं. इन सियासी यात्राओं की होड़ में सबसे आगे अभी समाजवादी पार्टी नजर आ रही है, पार्टी उत्तर प्रदेश के चारों कोनों में यात्राओं के जरिए अपनी दस्तक दे रही है, तो वहीं बीजेपी कह रही है कि यह यात्राएं एक दिखावा है. वहीं समाजवादी पार्टी ने यात्राओं से इतनी उत्साहित है कि पार्टी के नेता कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में दरअसल 2022 में असली मुकाबला समाजवादी पार्टी और बीजेपी के बीच ही होगा. सपा की इन यात्राओं पर कभी समर्थन से पहली बार संसद पहुंचने वाली निषाद पार्टी के नेता संजय निषाद भी निशाना साध रहे हैं.


उत्तर प्रदेश में सत्ता पर काबिज होने के लिए इन दिनों सियासी दलों के लोग जनता की परिक्रमा कर रहे हैं और इसमें भी सबसे आगे समाजवादी पार्टी ही दिख रही है. समाजवादी पार्टी की तकरीबन आधा दर्जन यात्राएं इन दिनों प्रदेश के अलग-अलग शहरों में निकाली जा रही है. 


सबसे पहले समाजवादी पार्टी के सहयोगी दलों महान दल और जनवादी सोशलिस्ट पार्टी ने जनक्रांति और जनआक्रोश यात्राएं निकाली. उसके बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने किसान पटेल यात्रा की शुरुआत की. 1 सितंबर से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज ने जनादेश यात्रा शुरू की है. समाजवादी पार्टी की यात्राएं यहीं खत्म नहीं हुई, बल्कि पार्टी के अधिवक्ता सभा ने तो संविधान बचाओ संकल्प यात्रा भी शुरू की है, इसके अलावा सपा का व्यापारी सभा भी जल्द ही प्रदेश भर में 9 सितंबर से मंडलीय सम्मेलन करने जा रहा है. 


इन यात्राओं के जरिए समाजवादी पार्टी जनता के बीच सरकार की जनविरोधी नीतियों को लेकर जा रही है. पार्टी का दावा है कि इन यात्राओं में उसे जनता का खूब समर्थन मिल रहा है. यात्राओं से पार्टी के नेता इतने उत्साहित हैं कि वह साफ तौर पर कह रहे हैं कि 2022 में सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी और बीजेपी के बीच ही होगा. पार्टी के नेता ये भी कह रहे हैं की जो भी छोटे दल समाजवादी पार्टी में आना चाहेंगे उनका स्वागत होगा.


ऐसा नहीं है कि केवल समाजवादी पार्टी ही यात्राएं निकाल रही है बल्कि कुछ समय पहले बीजेपी की भी जन आशीर्वाद यात्रा प्रदेश के 120 विधानसभा क्षेत्रों और तकरीबन 35 लोकसभा क्षेत्रों में होकर गुजरी थी 3500 किलोमीटर का सफर केंद्र में नए बने 7 राज्य मंत्रियों ने तय किया था, और जनता का आशीर्वाद भी लिया था. अब समाजवादी पार्टी की यात्रा पर बीजेपी ये कहकर निशाना साध रही है कि जब चुनाव करीब आ गए हैं तो कुछ राजनीतिक दल नए स्लोगन, नई यात्राओं को लेकर जनता को भरमाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन जनता ऐसे लोगों को खारिज करने का काम करेगी. पार्टी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी साफ तौर पर कह रहे हैं कि बीजेपी की यात्रा ही केवल मंजिल तक पहुंचेगी, बाकी सभी यात्राएं रास्ता भटक जाएंगी और समाजवादी पार्टी की साइकिल को मंजिल हासिल नहीं होगी.


वहीं समाजवादी पार्टी की इन अलग-अलग यात्राओं पर उस पार्टी के नेता भी निशाना साथ रहे जो कभी समाजवादी पार्टी के समर्थन से ही पहली बार अपना सांसद जिताने में कामयाब हुए थे. निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद का कहना है कि चुनाव में जीत भाड़े के पहलवानों से नहीं बल्कि अखाड़े के पहलवानों से मिलती है. वो सवाल खड़ा कर रहे हैं कि क्या इससे पहले इन नेताओं ने अपनी जातियों के लिए कभी आंदोलन किया. क्या इन्होंने कभी अपनी जाति के लिए कहीं कोई ज्ञापन दिया. वो साफ तौर पर कह रहे हैं क्योंकि चुनाव करीब है इसीलिए अभी ये कुर्ता पहनकर नेता यात्रा निकाल रहे हैं, लेकिन इस चुनाव में वोट कुर्ते पर नहीं बल्कि कार्यकर्ता के बल पर मिलेगा. 


इन यात्राओं के जरिए जहां विपक्षी पार्टियां सरकार को घेरने का काम कर रही है, तो वही सत्ताधारी बीजेपी इन यात्राओं को लेकर विपक्षी दलों पर अवसरवादी होने का आरोप लगा रही है. जाहिर है चुनाव जैसे जैसे करीब आएगा यात्रा और सम्मेलन तो बढ़ेंगे ही लेकिन आरोप-प्रत्यारोप का यह दौर भी और बढ़ेगा. 


इसे भी पढ़ेंः


Crime News: 40 साल के शख्स ने 6 साल की बच्ची के साथ किया रेप का प्रयास, लोगों ने पेड़ से बांधकर पीटा


UP Encounter: पुलिस ने होटल संचालक की हत्या का किया खुलासा, मुठभेड़ के बाद 3 बदमाश गिरफ्तार


यह भी पढ़ेंः