Saharanpur Darul Uloom Deoband Admission Process: विश्व विख्यात इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद (Darul Uloom Deoband) ने मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर नए छात्रों के लिए दाखिला (Admission) प्रक्रिया में कई बदलाव करते हुए नियमों को और अधिक सख्त कर दिया है. संस्था में प्रवेश पाने के इच्छुक नए छात्रों के पास संबंधित दस्तावेज नहीं होंगे तो उन्हें दारुल उलूम में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. 


जमा करने होंगे ये दस्तावेज 
इस बारे में दारुल उलूम देवबंद के पीआरओ अशरफ उस्मानी (Ashraf Usmani) ने बताया कि दारुल उलूम देवबंद की प्रवेश परीक्षा में शामिल होने से पहले नए छात्रों को पूर्व के मदरसे का प्रमाण पत्र और वार्षिक परीक्षा में प्राप्त अंकों की मार्कशीट लगानी होगी. साथ ही छात्रों को अपना और अपने पिता का आधार कार्ड (Aadhar Card) और मोबाइल नंबर भी जमा कराना अनिवार्य होगा. 



खुफिया विभाग करेगा आईडी की जांच
सीमावर्ती राज्यों जैसे जम्मू और कश्मीर, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, त्रिपुरा, असम आदि के छात्रों को मूल निवास प्रमाण पत्र और शपथ पत्र लाना होगा. अशरफ उस्मानी ने कहा कि जो छात्र ये सभी आवश्यक दस्तावेज जमा नहीं करेगा, उसको संस्था में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. छात्र की तरफ से जमा कराई जाने वाली आईडी की फोटोकॉपी की जांच खुफिया विभाग द्वारा कराई जाएगी.


अबुल कासिम नौमानी ने दिया था ये बयान
बता दें कि, देश में कई जगह हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर हाल ही में दारुल उलूम देवबंद के चांसलर मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने बयान दिया था. मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने एक ऑडियो संदेश जारी करते हुए कहा था कि, ''अगर आपकी जान माल पर आंच आए तो छत पर चढ़कर सिर्फ नारा-ए-तकबीर बुलंद ना करें, पूरी ताकत के साथ हालात का मुकाबला करें.'' इसके साथ ही उन्होंने देश में कई जगहों पर हुए सम्प्रदायों के बीच विवाद पर भी चिंता जाहिर की थी और कहा था कि ''मुसलमान अपने गुनाहों से तौबा करें और इस्लाम की तालीम के हिसाब से जिएं. इसके साथ ही अपने आसपास के लोगों के बीच इस्लाम की असली तस्वीर पेश करें ताकि लोगों के दिमाग में भरी जा रही गंदगी साफ हो.'' 


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