Saharanpur News: अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है.अब रामलला अपने भव्य निर्माणाधीन राम मंदिर में विराजेंगे.टेंट से लेकर भव्य निर्माणाधीन मंदिर तक पहुंचने में बहुत लोगों ने संघर्ष किया है .संघर्ष में सहारनपुर के लोगों का भी योगदान रहा .समाजसेवी राजेंद्र अटल जिनकी अगुवाई में 650 कारसेवक अयोध्या पहुंचे थे और वहां पर रामलला का पालन रखा था.राजेंद्र अटल ने कहा है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हो रहे हैं.प्रभु श्री राम अपने घर में विराजमान हो रहे हैं.यह सभी देशवासियों के लिए बहुत बड़ी खुशी की बात है और कार सेवकों के लिए इससे अच्छी और क्या बात हो सकती है.राजेंद्र अटल ने उस दौर की याद को ताजा करते हुए बताया कि कैसे उन्होंने वहां रामलला की मूर्ति को टेंट में स्थापित किया था और इसके लिए उन्होंने अपने संघर्ष को भी याद किया है.


प्राण प्रतिष्ठा में जहां राम मंदिर का विरोध करने वाली पार्टियों के नेताओं को बुलावा भेजा जा रहा है वही जान जोखिम में डाल कर कारसेवा करने वाले कर रहे है बुलावे की प्रतीक्षा कर रहे है. रामलला का पालना रखने वाले कार सेवकों को प्राण प्रतिष्ठा का बुलावा नहीं आया है. कार सेवक राजेंद्र अटल बोले ढांचे के बीच गुंबद में पालना रखा था. काम करते हुए कारसेवक बेहोश हो रहे थे.


कारसेवकों ने लिखा ट्रस्ट को पत्र


राजेंद्र अटल को अभी तक अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले श्री राम लला मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण नहीं मिला है.राजेंद्र अटल ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास को पत्र लिखा है.जिसमें 6 दिसंबर 1992 में अयोध्या में होने वाली घटना का जिक्र है.उसे समय सहारनपुर की टीम का क्या रोल था इसका भी जिक्र किया गया है.लास्ट में लिखा गया है कि कार्यक्रमों में मुख्य भूमिका निर्वाह करने वाले कार सेवकों को कभी भी आमंत्रित नहीं किया गया है.मंदिर के उद्घाटन समारोह में विशेष अतिथि के रूप में सादर आमंत्रित करने की कृपा करें.



प्राण प्रतिष्ठा को लेकर कारसेवकों में उत्साह


समाजसेवी राजेंद्र अटल का कहना है, कि 6 दिसंबर 1992 की यह घटना इतिहास में दर्ज हुई और अब 22 जनवरी 2024 का दिन इतिहास में दर्ज हो जाएगा. 
राजेंद्र अटल ने कहा 9 दिसंबर 2019 का वह सुनहरे अक्षरों में दर्ज हुआ, जब सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों वाली बेंच ने ऐतिहासिक फैसला सुनाकर हिंदुओं की आस्थाओं पर चंदन का टीका लगाया.श्री राम मंदिर बनने में 500 साल लग गए.काफी उत्साह है जब कार सेवा के लिए गए थे.अब मंदिर में पूजा अर्चना करने जाएंगे निमंत्रण आया नहीं है ,लेकिन हम जब नहीं रुके थे तो अब कैसे रुक जाएंगे.


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