Saharanpur News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सहारनपुर (Saharanpur) जिला प्रशासन ने कोविड-19 महामारी के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासी श्रमिकों द्वारा छोड़ी गई 5,400 साइकिलों की नीलामी की है. जिले के जिलाधिकारी ने बताया कि हमने साइकिल के मालिकों से संपर्क किया लेकिन उनसे कोई जवाब नहीं मिला. वहीं उन्होंने कहा कि आगे हम फिर उनसे संपर्क करने की कोशिश करेंगे और इससे मिले पैसों को उनके खातों में ट्रांसफर करेंगे.


वहीं सदर के उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) किंशुक श्रीवास्तव ने कहा कि शुक्रवार को साइकिल की नीलामी के माध्यम से एकत्र किए गए कुल 21.2 लाख राज्य के खजाने में जमा कर दिए गए हैं. ज्ञात हो कि 2020 की शुरुआत में कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के दौरान, लगभग 25,000 प्रवासी श्रमिक हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में अपने कार्यस्थलों से उत्तर प्रदेश और बिहार में अपने मूल स्थानों पर वापस जाते समय साइकिल पर सहारनपुर पहुंचे. सहारनपुर जिला हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड का प्रवेश द्वार जैसे है.



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14,600 मजदूर अपनी साइकिलें ले गए थे


सहारनपुर पहुंचने पर उन्हें रोक दिया गया और राधा स्वामी सत्संग परिसर में क्वारंटाइन कर दिया गया. एक अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि प्रवासी श्रमिकों को तब बसों में उनके मूल स्थानों पर भेज दिया गया था, प्रशासन ने उन्हें उनकी साइकिल लेने के लिए टोकन दिया था. पिछले दो साल में खुले में खड़ी साइकिलों में जंग लग गई. 14,600 मजदूरों ने बाद में सहारनपुर लौटकर अपनी साइकिलें लीं, बाकी 5,400 साइकिलें कबाड़ में बदल गईं. एसडीएम ने कहा, 'दो साल के इंतजार के बाद प्रशासन ने साइकिलों की नीलामी करने का फैसला किया.


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