Ramcharitmanas Row: गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखित रामचरितमानस के पन्नों को फाड़ने और इसे जलाने के आरोप में आठ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. यह जानकारी पुलिस ने दी है.प्राथमिकी लखनऊ के पीजीआई थाने में दर्ज कराई गई है.पीजीआई थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) राजेश राणा ने कहा कि उन्हें बीजेपी सदस्य सतनाम सिंह लवी से शिकायत मिली थी.इसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. 


क्या कहना है पुलिस का


उन्होंने कहा कि रामचरितमानस के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां और सार्वजनिक रूप से इसके पन्नों को जलाने से समाज में विभाजन और सांप्रदायिक तनाव पैदा हो सकता है. आरोपी ने सोशल मीडिया पर पवित्र पुस्तक के खिलाफ बात की और हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई.थानाध्यक्ष ने बताया कि आरोपियों में यशपाल सिंह लोधी, देवेंद्र यादव, महेंद्र प्रताप यादव, नरेश सिंह, एसएस यादव, सुजीत, संतोष वर्मा और सलीम शामिल हैं.इन सभी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए, 295 ए, 505 और 298 और आईटी अधिनियम की धारा 66 के तहत मामला दर्ज किया गया है.पुलिस ने कहा कि प्राथमिकी में नामजद आरोपी रविवार को अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के बैनर तले समाजवादी पार्टी एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में उतरे थे.  इस शिकायत में स्वामी प्रसाद मौर्य का भी नाम है.


किन लोगों ने जलाए थे पन्ने


दरअसल रविवार सुबह पीजीआई के वृंदावन कालोनी में रामचरित मानस की प्रतियां फाड़ी और जलाी गई थीं. यह काम ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों ने किया था. उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्या के समर्थन में नारेबाजी की और प्रतियां जलाईं. महासभा के पदाधिकारियों का कहना था कि रामचरित मानस के रचयिता तुलसीदास ने इसमें कुछ आपत्तिजनक चौपाईयां लिखी हैं जिन्हें निकाला जाना चाहिए.ये चौपाइयां नारियों और शूद्रों के संबंध में अपमानजनक हैं. प्रतियां जलाने का सोशल मीडिया पर वीडियो भी वायरल हो रहा है. पीजीआई पुलिस इन लोगों की तलाश कर रही है.


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