Joshimath Sinking: उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली जिले के जमीन धंसने से प्रभावित जोशीमठ में लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन को ध्वस्त किया जा चुका है जबकि 'मलारी इन' और 'माउंट व्यू' होटलों को तोड़े जाने का कार्य भी अंतिम चरण में है. दूसरी ओर, जोशीमठ में दरारों वाले भवनों की संख्या में अब बढोत्तरी दर्ज नहीं की जा रही है और भूमिगत अज्ञात स्रोत से हो रहे जल रिसाव की मात्रा भी घटकर 170 लीटर प्रति मिनट हो गयी है.

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181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थितचमोली जिला प्रशासन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, असुरक्षित घोषित लोक निर्माण विभाग के निरीक्षण भवन को ध्वस्त किया जा चुका है और अन्य दो होटलों को तोड़े जाने का कार्य भी अंतिम चरण में है. बयान के अनुसार, जोशीमठ में चल रहे सर्वेंक्षण में दरार वाले भवनों की संख्या 863 ही है, उनमें अब और बढोत्तरी नहीं हो रही है. इनमें से 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं. उधर, नगर के मारवाडी क्षेत्र में जेपी कॉलोनी में अज्ञात भूमिगत स्रोत से हो रहा पानी का रिसाव घटकर 170 लीटर प्रति मिनट हो गया है. आपदा के शुरूआती दिनों में छह जनवरी को यह 540 लीटर प्रति मिनट था.

248 परिवार रह रहे हैं राहत शिविरों मेंजोशीमठ में 248 परिवारों के 900 सदस्य अस्थायी रूप से राहत शिविरों में रह रहे हैं जबकि 41 परिवारों के 71 सदस्य अपने रिश्तेदारों के यहां या किराये के मकानों में चले गए हैं. राहत कार्यो के तहत जिला प्रशासन द्वारा अबतक 657 प्रभावित परिवारों को 424.27 लाख रुपये की धनराशि वितरित की जा चुकी है.  हालांकि अब जोशीमठ से आखिरकार कोई राहत पहुंचाने वाली खबर आई है. आधिकारिक सर्वे  में पता चला है कि जोशीमठ कस्बे में 20 जनवरी के बाद से भूधंसाव के चलते कोई नई दरार नहीं आई है. चमोली जिला प्रशासन ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है.

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