लखनऊः अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समर्पण निधि कार्यक्रम एक बार फिर गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल बन गया. हालांकि यह कार्यक्रम 15 जनवरी से लेकर 27 फरवरी तक चलने वाला है. इन 42 दिनों में विश्व हिंदू परिषद का लक्ष्य 5 लाख गांव के 11 करोड़ परिवारों से सीधे मिलकर राम मंदिर के लिए धन संग्रह करने का है.

मुस्लिम समाज के लोग कर रहे योगदान


पहले ही दिन जिस तरह बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोगों ने राम मंदिर के लिए इस कार्यक्रम में भाग लिया और अपना योगदान दिया उसने एक बार फिर अयोध्या को अर्श पर पहुंचा दिया है. यहां राम मंदिर निर्माण के लिए मुस्लिम समाज के लोग हवन करते दिखाई दे रहे हैं तो कहीं दान देते तो कहीं लोगों को दान देने के लिए अपील करते दिख रहे हैं.


अयोध्या सदियों तक मंदिर मस्जिद विवाद के बवंडर में उलझी रही लेकिन सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद सारे विवाद इस तरह समाप्त हो गए जैसे परिवार के सदस्यों के बीच मनमुटाव के बाद फिर से एकजुटता हो जाती है. यही कारण रहा कि मुस्लिम समाज के लोग बड़ी संख्या में राम मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए आगे आए हैं और यहीं कारण है कि मुस्लिम महिलाएं हो या पुरुष सभी राम मंदिर निर्माण के लिए दान देते और दान देने की अपील करते दिख रहे हैं.


क्षमता के अनुसार कर रहे सहयोग 


यहां मुस्लिम समाज के लोग कह रहे हैं कि जिस तरह हमारे समाज के लिए काबा है उसी तरह हिंदुस्तानियों के लिए राम मंदिर है, इसलिए जाति और धर्म को छोड़कर सभी लोग राम मंदिर निर्माण के लिए आगे आए हैं और अपनी क्षमता के अनुसार सहयोग करें यही तो अयोध्या है और यही इसकी खूबसूरती है.


राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए 11 हजार की राशि दान करने वाली शाह समाज फाउंडेशन की अध्यक्ष चांदनी शाहबानो ने कहा, 'मुझे यह सौभाग्य प्राप्त हुआ है इसलिए मैंने 11,000 की राशि राम मंदिर निर्माण के लिए दी है और मैं चाहती हूं कि मैंने जो दिया है उसे एक ईंट भी लग जाएगी तो जन्मों जन्म तक आशीर्वाद मेरे ऊपर बना रहेगा. यह खुशी मेरे लिए बहुत बड़ी बात है मेरे साथ-साथ मुस्लिम समाज के जितने भी हिंदुस्तानी हैं, सब को इस बात पर गर्व है कि यहां पर एक भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है.'


42 दिनों का चलेगा राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समर्पण निधि कार्यक्रम 


वहीं राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए गठित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्रा कहते हैं कि राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समर्पण निधि कार्यक्रम चंदा वसूली का कोई कार्यक्रम नहीं है इसको चंदा नहीं करना चाहिए क्योंकि भगवान के सामने जाकर कोई सहयोग नहीं करता बल्कि अपना समर्पण व्यक्त करता है. जिस राम मंदिर निर्माण का संकल्प हिंदू समाज में 500 वर्षों से किया उसको व्यक्त करने के लिए ही यह कार्यक्रम रखा गया है. यह कार्यक्रम 27 फरवरी तक 42 दिनों का चलने वाला है और इस दौरान 11 करोड़ परिवारों और 5 लाख गांवों तक पहुंचने का लक्ष्य है, लोग इसके लिए अपना समर्थन व्यक्त करें.


अल्पसंख्यक समाज के लोग भी हुए शामिल


अल्पसंख्यक समाज के लोगों ने राम मंदिर निर्माण कार्यक्रम में शामिल होने पर अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह कहते हैं कि 'जो लोग राम के जीवन चरित्र से प्रभावित हैं, वह सब साथ हैं क्योंकि राम इस देश की संस्कृति हैं, गरीबों के मसीहा हैं, पिता की आज्ञा पर समाज के बीच उन्हीं की तरह रहे हैं वह सभी के हैं इसीलिए अल्पसंख्यक समाज के लोग बड़ी संख्या में राम मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए आगे आए हैं.'


राम मंदिर निर्माण के लिए जो धन एकत्रित हो रहा है इसकी व्यवस्था इस तरह की गई है कि जमा की गई रकम प्रतिदिन श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के बैंक के अकाउंट में जमा होती रहे. इसके लिए हर टीम में एक आदमी की जिम्मेदारी है कि वह जमा की गई रकम बैंक कर्मचारियों को सौंप दें और कितनी रकम उसने सौंपी है उसका विवरण नोट कर ले. वहीं अयोध्या मंडल की लीडिंग बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा के कर्मचारी और अधिकारी हर कलेक्शन सेंटर पर मौजूद हैं और उन्होंने इस रकम को जमा करने के लिए अलग तरह के ऐप और सॉफ्टवेयर प्रोग्राम विकसित किए हैं. जिसके जरिए हर सेंटर के एजेंट के नाम से उस सेंटर की जमा धनराशि जमा होगी और इस तरह राम मंदिर के लिए अलग-अलग सेंटरों पर जमा धन राशि का हिसाब-किताब रखा जायेगा.


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