Gorakhpur News: यूपी के टॉप 61 और गोरखपुर के टॉप-10 माफिया राकेश यादव को अवैध राइफल और कारतूस रखने के आरोप में सीजेएम कोर्ट ने 5 साल का कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है. बाहुबली विधायक ओमप्रकाश पासवान हत्याकांड में नाम आने के बाद से राकेश यादव चर्चा में आया था. राकेश यादव प्रदेश स्तरीय गोरखपुर का पहला माफिया है, जिसे किसी मामले में सजा मिली है. माफिया राकेश के ऊपर अन्य मुकदमों में भी ट्रायल चल रहा है. वह वर्तमान में मऊ जेल में बंद है. 


गोरखपुर के गुलरिहा थाना क्षेत्र के झुंगिया बाजार के रहने वाले माफिया राकेश यादव के विरुद्ध मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट के न्यायालय में अभियोग का ट्रायल चल रहा था. प्रदेश स्‍तरीय माफियाओं के मामले में पुलिस और अभियोजन ने मजबूत पैरवी की और सभी गवाह और साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत किए गए. सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट आदर्श श्रीवास्तव की कोर्ट ने अभियुक्त राकेश यादव को आयुध अधिनियम के अंतर्गत दोषी पाते हुए अवैध राइफल व कारतूस रखने के जुर्म में 5 साल के कारावास और 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है. 


अवैध राइफल और कारतूस हुए थे बरामद
गोरखपुर के गुलरिहा थाना प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार राय 16 दिसंबर 2019 को झुंगिया तिराहा से फर्टिलाइजर जाने वाली रोड पर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे. शाम 6:15 बजे शहर की तरफ से एक फॉर्च्यूनर गाड़ी आते हुए दिखाई दी. पुलिस को देखकर चालक ने गाड़ी मोड़ कर भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उसे दबोच लिया. गाड़ी में पांच लोग बैठे मिले. इनमें झुंगिया बाजार का रहने वाला राकेश यादव भी पकड़ा गया. राकेश के कब्जे से पुलिस को अवैध राइफल और पांच कारतूस मिले. 


माफिया पर दर्ज है 45 मुकदमे
माफिया राकेश यादव पर कुल 45 मुकदमे दर्ज है, लेकिन अब वो ऐसा माफिया बन गया है, जो यूपी के टॉप माफिया की लिस्ट में शामिल होने के साथ सजा पाने वाला गोरखपुर का पहला अपराधी है. माफिया राकेश यादव विधायक ओमप्रकाश पासवान हत्याकांड में बरी हो गया था. पुलिस ने राकेश यादव समेत पांच आरोपियों को अवैध राइफल और कारतूस के साथ गिरफ्तार करने वाला में पेश किया था, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था. राकेश यादव के विरुद्ध साक्ष्य पाते हुए आरोप पत्र न्यायालय में विवेचक उप निरीक्षक अमीनुद्दीन अंसारी ने प्रेषित किया था.


माफिया राकेश यादव पर 45 मुकदमे अलग-अलग थानों में दर्ज हुए हैं, लेकिन अधिकतर मामलों में वह बरी हो चुका है. हालांकि कई मुकदमों में अभी ट्रायल चल रहा है. गोरखपुर के चिलुआताल थाने में वर्ष 2019 में दर्ज हत्या के प्रयास और साजिश रचने के एक मुकदमे में राकेश की जमानत तिवारीपुर के घुनघुन कोठा के रहने वाले रामलाल यादव ने ली थी, जिसके बाद राकेश ने जमानत तुड़वाकर 3 जून 2023 को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. तभी से वह जेल में है. राकेश यादव पर भी पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई की थी. 


अवैध मकान पर चला था बुलडोजर
गोरखपुर के जिलाधिकारी के आदेश पर 14 (1) यूपी गैंगस्टर एक्ट में उसके खिलाफ कार्रवाई के बाद जीडीए ने नक्‍शा पास नहीं होने और 29 मई 2021 को आदेश ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया गया था. जीडीए के प्रभारी और अधिशासी अभियंता किशन सिंह के निर्देशन में अवैध रूप से 7 हजार स्‍क्‍वायर फीट एरिया में 2 हजार स्‍क्‍वायर फीट में बने दो मंजिला मकान और उसके तीसरे फ्लोर पर बने एक कमरे को कर्मचारियों और दो बुलडोजर की मदद से ध्वस्त कर दिया गया. अंडरग्राउंड होकर जमीन का धंधा करने वाला माफिया राकेश यादव बदमाशों की सूची में गोरखपुर जिले के टॉप-10 और प्रदेश के टॉप-61 में शामिल रहा है. 


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