Rajya Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में दस राज्यसभा सीटों के लिए उम्मीदवार मैदान में है. इनमें BJP के आठ और समाजवादी पार्टी तीन प्रत्याशी हैं. लेकिन अपने विधायकों सहेजे रखना राजनीतिक दलों के लिए कठिन साबित हो रहा है. विधायकों की संख्या के हिसाब से भाजपा अपने सात प्रत्याशियों को जबकि सपा दो प्रत्याशियों को जिता सकती है लेकिन एक सीट पर जीत दर्ज करना बीजेपी और सपा दोनों परेशानी खड़ी करने वाली है.


उत्तर प्रदेश 10 में से नौ राज्यसभा सीटों के परिणामों पर कोई संदेह नजर नहीं आ रहा है, किंतु दसवें उम्मीदवार की जिताने के लिए दोनों ही दलों के पास पर्याप्त वोट नहीं है ऐसे अब बीजेपी और समाजवादी पार्टी की निगाहें क्रास वोटिंग पर टिकी हुई हैं. व्हिप जारी होने के बावजूद विधायक दूसरे दल को वोट दे सकते हैं, क्योंकि इस चुनाव में क्रास वोटिंग से सदस्यता नहीं जाती. 


बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती हैं आरएलडी और राजभर
बीजेपी राज्यसभा चुनाव की 10 में से 7 सीटों में BJP जीत के लिए पूरी तरह आश्वस्त है तो वहीं समाजवादी पार्टी की 2 सीटों पर जीत लगभग तय मानी जा रही है. राज्यसभा चुनाव में अपने विधायकों को सहेज कर रखना राजनीतिक दलों के कठिन हो रहा है. क्रास वोटिंग का सबसे अधिक खतरा विपक्षी दल सपा के विधायकों से हैं. एनडीए के पाले में खड़ी रालोद और सुभासपा को अपने पाले में किये रखना किसी चुनौती से कम नहीं है.


अखिलेश यादव ने संभाली कमान 
राज्यसभा चुनाव में क्रास वोट करने से उनकी सदस्यता नहीं जाती है. विधायकों को अपनी पार्टी के पोलिंग एजेंट को मतपत्र जरूर दिखाना होता है. यानी सपा उसके विधायक की निष्ठा बदल गई है, किंतु उसकी सदस्यता खत्म नहीं करा सकती है. वहीं, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी रालोद व सुभासपा में उन विधायकों को चिह्नित कर रहे हैं जो उन्हें बोट दे सकते हैं. इसके साथ ही अपने उन विधायकों से भी मिल रहे हैं जिन्हें कमजोर कड़ी माना जा रहा है. पार्टियां सतर्क होकर अपना बोट जरूर बचाने में लग गई हैं.


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