लखनऊ: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार को अपनी कर्मस्थली कानपुर देहात के पुखरायां पहुंचे. राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद और बेटी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कार्यक्रम में शामिल हुए. पुखरायां में मुख्य कार्यक्रम से पहले राष्ट्रपति ने अपने कुछ खास पुराने परिचितों, दोस्तों से मुलाकात की. वहीं, कार्यक्रम के बाद राष्ट्रपति अपने पुराने दोस्त सतीश मिश्रा का हालचाल लेने उनके आवास पहुंचे. राष्ट्रपति ने पुखरायां में सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा का अनावरण भी किया. राष्ट्रपति करीब साढ़े तीन घंटे पुखरायां में रुके.


पुरानी यादें ताजा हो गईं
अपने संबोधन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि यहां आकर पुरानी यादें ताजा हो गईं. 30 साल पहले 1991 में एक राजनीतिक दल ने घाटमपुर से लोकसभा चुनाव लड़ाया तो पहली बार यहां आकर लोगों से मिला. वैसा सम्मान, आत्मीयता जीवन में पहली बार देखा था. राष्ट्रपति ने कहा कि मेरा कार्य क्षेत्र, केंद्र बिंदु हमेशा पुखरायां रहा, राष्ट्रपति भवन पहुंचने पर भी. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री ने मुझसे राष्ट्रपति भवन में शिष्टाचार भेंट की. मुझे यहां के कार्यक्रम का याद दिलाया तो मैंने कहा की लोग बात रहे कभी वहां गर्मी अधिक होगी तो कभी बरसात होगी. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी बरसेगा तो बरसेगा, हमें चलना है तो हम चलेंगे.
 
जन्मस्थली परौंख लेकिन कर्मस्थली पुखरायां है
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री से प्रेरणा मिली और यहां आए. जब यहां आना था तो रेल मंत्री ने रेल मार्ग से जाने का निवेदन किया. पुखरायां एक व्यापारिक केंद्र भी है. मैं खुद देखना भी चाहता था रेलमार्ग. मैंने देखा कि पिछले कुछ साल में रेलवे ने बहुत प्रगति की है. 2014 के बाद अब रेल यात्रा की है. मेरी जन्मस्थली परौंख लेकिन कर्मस्थली पुखरायां है, मैं इसे कभी नहीं भूल सकता. यहां के लोगों के सुख दुख में साथ रहना अच्छा लगता है. 


सर्वोच्च पद पर बैठने की कल्पना नहीं की थी 
राष्ट्रपति ने कहा कि यहां साढ़े तीन साल बाद आना हुआ है, कई बार यहां के लोग कहते कि दिल्ली से जहाज में बैठिए 2 घंटे में आ जाएंगे. इस पर राष्ट्रपति ने कहा कि अगर वो एक-दो घंटे के लिए देश के किसी कोने में जाते तो मोटा-मोटा 18 से 20 लाख खर्च होता जो जनता के टैक्स का पैसा है. इससे अच्छा कि हम फोन पर शुभकामना दें, पत्र लिखें. उन्होंने कहा कि देश के सर्वोच्च पद पर बैठने की कभी कल्पना नहीं की थी.


टीका लगवाने के लिए प्रेरित करें 
रष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि आज पूरी मानवता एक वायरस के प्रकोप से जूझ रही. बड़ी संख्या में लोगों ने परिवारीजन, प्रियजनों को खोया है. सभी को चाहिए कि खुद टीका लगवाएं, दूसरों को भी प्रेरित करें. राष्ट्रपति ने डीएम कानपुर देहात को वैक्सीनशन कैम्प लगवाने के लिए कहा. साथ ही कोरोना काल में किए गए कामों को लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री की सराहना की. 


कोरोना कमजोर हुआ है खत्म नहीं
इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्रपति ने विपरीत परिस्थितियों में शिक्षा हासिल की. जब व्यक्ति का दायरा और पद बढ़ता है तो बहुत से लोगों से संबंध विच्छेद हो जाता. लेकिन, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ ऐसा नहीं हुआ. सीएम ने कहा कि कोरोना से जनजीवन अस्त व्यस्त हुआ है, व्यवस्थाएं प्रभावित हुई हैं. कोरोना कमजोर हुआ है खत्म नहीं. ये महामारी है जिससे बचने का सबसे बड़ा अस्त्र मास्क और 2 गज दूरी है. निगरानी समितियां गांव-गांव जा रही हैं, मेडिसिन किट दे रही हैं. सीएम योगी ने अपील कर कहा कि कोई टेस्ट कराने से ना भागे, वैक्सीनशन निशुल्क है जरूर करवाएं. नए वैरिएंट आ रहे हैं, वायरस स्वरूप बदल रहा है, संभलना होगा. सीएम ने कहा कि कानपुर देहात में जल्द नए मेडिकल कॉलेज का भूमि पूजन होगा.