उत्तराखंड में एक बार फिर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच प्रोटोकॉल को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. मामला शनिवार का है, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के स्वागत के लिए जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे विधायकों और सांसदों को अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ा.

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सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति के स्वागत के लिए सभी विधायक और सांसद बस में बैठकर विशेष विमान तक पहुंचे, जबकि शासन के अधिकारी अपने वाहनों से सीधे एयरपोर्ट के भीतर दाखिल हो गए. अधिकारियों के इस रवैये पर जनप्रतिनिधियों ने सवाल खड़े करते हुए अपमान करार दिया है. 

प्रोटोकॉल मंत्री मंत्री ने घटना पर दिए सख्त निर्देश 

इस घटनाक्रम से नाराज जनप्रतिनिधियों ने बस में ही अधिकारियों के रवैये पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे जनप्रतिनिधियों का अपमान बताया. कई विधायकों ने इस पर खुलकर नाराजगी जताई. वहीं इस प्रकरण की पुष्टि करते हुए प्रोटोकॉल मंत्री ने सख्त निर्देश दिए हैं. 

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प्रदेश के प्रोटोकॉल मंत्री सौरभ बहुगुणा ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि ऐसे मामले बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं. उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि भविष्य में किसी भी कार्यक्रम में माननीयों के सम्मान से जुड़ी प्रोटोकॉल व्यवस्था का सख्ती से पालन किया जाए.

इससे पहले भी हुई है चूक

गौरतलब है कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब उत्तराखंड में अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों को प्रोटोकॉल का सम्मान न देने की शिकायतें सामने आई हों. इससे पहले भी कई अवसरों पर मंत्री, विधायक और यहां तक कि विधानसभा अध्यक्ष तक को ऐसे अनुभवों से गुजरना पड़ा है. कई मौकों पर राज्य में इस तरह की घटनाएं पहले भी घट चुकी हैं.

इस ताजा प्रकरण ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या प्रदेश में अधिकारी खुद को जनप्रतिनिधियों से ऊपर समझने लगे हैं? प्रोटोकॉल मंत्री के निर्देशों के बाद अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि शासन स्तर पर इस मामले में आगे क्या कार्रवाई होती है.