प्रयागराज में 3 जनवरी से लगने वाले माघ मेले को लेकर जिला प्रशासन और मेला प्राधिकरण की तैयारियां लगभग अंतिम चरण में हैं. संगम तट पर करोड़ों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए सुरक्षा, यातायात, स्वास्थ्य और मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. मेला क्षेत्र को सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए इसे कई सेक्टरों और जोनों में विभाजित किया गया है. श्रद्धालुओं के सुरक्षित स्नान के लिए संगम क्षेत्र और आसपास के इलाकों में दर्जनों घाटों का निर्माण और मरम्मत कराई जा रही है. इन घाटों पर फिसलन रोकने, रेलिंग, प्रकाश और गोताखोरों की तैनाती की जा रही है. इसके साथ ही आवागमन को सुगम बनाने के लिए गंगा और यमुना पर 9 पांटून (पीपे के) पुल बनाए जा रहे हैं, ताकि श्रद्धालु आसानी से मेला क्षेत्र के विभिन्न सेक्टरों तक पहुंच सकें.

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संदिग्ध गतिविधियों पर CCTV से रखी जाएगी नजर

माघ मेले की सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं. मेला क्षेत्र में करीब 15 से 17 अस्थायी पुलिस थाने स्थापित किए जा रहे हैं. इसके अलावा 40 से अधिक पुलिस चौकियां अलग-अलग सेक्टरों में बनाई गई हैं. पूरे मेले में लगभग 5,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी, पीएसी, महिला पुलिस, जल पुलिस और आपदा राहत बल तैनात रहेंगे. संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जा रहे हैं.

आग से निपटने के लिए बनाए जा रहे 17 फायर स्टेशन

आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए मेला क्षेत्र में 17 फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं. इनमें फायर टेंडर, वाटर बाउजर और प्रशिक्षित दमकलकर्मी मौजूद रहेंगे. नदी क्षेत्र में जल पुलिस और राहत दल लगातार गश्त करेंगे.

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स्वास्थ्य और अन्य सुविधाएं

श्रद्धालुओं के इलाज के लिए मेला क्षेत्र में अस्थायी अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एंबुलेंस सेवाएं तैनात की जा रही हैं. इसके साथ ही पेयजल, शौचालय, साफ-सफाई, बिजली और प्रकाश व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है. कुल मिलाकर माघ मेले को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और श्रद्धालु-अनुकूल बनाने के लिए प्रशासन ने बहुस्तरीय और मजबूत तैयारियां की हैं, ताकि आने वाले श्रद्धालु आस्था के इस महापर्व को शांति और सुविधा के साथ संपन्न कर सकें.