उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले से साइबर ठगी का हैरान करने वाला सामने आया है, दूसरी राधा के नाम से मशहूर पूर्व आईजी डी के पांडा से साइबर ठगी हुई है. साइबर ठगों ने पूर्व आईजी को 4 लाख 32 हजार रुपये का चूना लगाया है. शातिर ठगों ने व्हाट्सएप लिंक भेज कर चार बार में बैंक अकाउंट से ऑनलाइन रुपये ट्रांसफर कर लिये हैं.
पूर्व आईजी डी के पांडा ने धूमनगंज थाने में अनजान मोबाइल नंबर के आधार पर 15 सितंबर को एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने तहरीर पर अनजान नंबर के आधार पर धारा 381 (4) व 66 डी के तहत मुकदमा दर्ज का जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
1971 बैच के आईपीएस रहे हैं डीके पांडा
जानकारी के मुताबिक, मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले पूर्व आईजी डीके पांडा 1971 बैच के आईपीएस अफसर रहे हैं. वर्ष 2005 में उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था, वह दूसरी राधा का वेष धारण कर सुर्खियों में आए थे. पूर्व आईजी डीके पांडा दूसरी राधा का रूप त्याग कर वह कृष्णानंद बन गए थे.
इंटरनेट पर बैंक का नंबर कर रहे थे सर्च
आपको बता दें कि पूर्व आईजी डीके पांडा प्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र के प्रीतम नगर में एडीए कॉलोनी में रहते हैं. रिटायर्ड आईजी डीके पांडा इंटरनेट पर इंडियन बैंक शाखा मुंडेरा का टोल फ्री नंबर खोज रहे थे. इसके बाद शातिर ठग पूर्व आईजी को कॉल किया और खुद को बैंक अधिकारी बताते हुए सारी जानकारी हासिल की.
अलग-अलग किश्तो में खाते से निकल गए रुपये
पूर्व आईजी डीके पांडा को अनजान व्यक्ति ने फोन कर अपना नाम राहुल बताया. इसके बाद डीके पांडा के व्हाट्सएप पर एक लिंक भेज कर उसे खोलने के लिए कहा. इतना ही नहीं साइबर ठग ने कुछ घंटे तक लंबी बातचीत में उन्हें उलझाए रखा. इस दौरान डीके पांडा की जानकारी के बिना उनके यूको बैंक खाते से अलग-अलग किस्त में रुपये निकल गए.