Uttarakhand Power Crisis: उत्तराखंड में कल से बिजली संकट खड़ा हो सकता है. बिजली के तीनों निगमों के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर मंगलवार से हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. ऑल इंडिया पावर इंजीनियरिंग फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेश दुबे ने राज्य सरकार से निगम प्रशासन कर्मचारियों के हितों में जल्द फैसला लेने की मांग की है. उन्होंने कहा कि कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जाना चाहते हैं, लेकिन निगम प्रबंधन की लापरवाही के चलते कर्मचारी मजबूर हैं. बतादें कि इसी को लेकर आज सीएम और ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत के साथ बैठक प्रस्तावित है जिसमें होने वाली हड़ताल का पूरा रूख टिका हुआ है.


14 सूत्रीय मांग को लेकर हो रहा आंदोलन
बिजली के तीनों निगमों के कर्मचारी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर 2017 से आंदोलन कर रहे हैं. कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के साथ लिखित समझौते के बाद भी मांगों पर कोई फैसला नहीं लिया गया. इस वजह से बिजली कर्मचारियों ने 6 अक्टूबर से हड़ताल पर जाने का फैसला किया है.


मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक
बिजली कर्मियों के साथ सोमवार को देर शाम उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने वार्ता की. वार्ता में कर्मचारियों की मांगों पर मुख्य सचिव के साथ सैद्धांतिक सहमति बनी है। उन्होंने लंबी बातचीत के बाद अधिकतर मांगों पर अपनी सैद्धांतिक सहमति दी है.


वहीं, यूपीसीएल के एमडी दीपक रावत ने कहा कि प्रदेश में बिजली का इंतजाम कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि वॉक इन इंटरव्यू के ज़रिए लोगों को रखा जा रहा है. कर्मचारियों के लिए वार्ता के रास्ते हमेशा खुले हैं. हड़ताल से निगम को नुकसान होगा, लेकिन एस्मा के तहत कर्मचारियों को भी नुकसान होगा.



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