Sambhal News: यूपी के संभल में राज्य मंत्री गुलाब देवी (Gulab Devi) से विकास कार्यों पर सवाल करने वाले एक स्थानीय पत्रकार को बीजेपी (BJP) नेता की शिकायत पर मंत्री के कार्यक्रम में व्यवधान डालने और गाली गलौज व मारपीट करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया था, जिसके बाद उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया है. वहीं इस मामले पर जब गुलाब देवी से सवाल किया गया तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया लेकिन समाजवादी पार्टी ने इस सवाल-जवाब का वायरल वीडियो शेयर कर बीजेपी पर निशाना साधा और इसे अघोषित इमरजेंसी और तानाशाही करार दिया. 


दरअसल, गुलाब देवी चंदौसी कोतवाली के बुधनगर खड़वा गांव में 11 मार्च को सोत नदी पर चेकडैम निर्माण शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंची थी. इस दौरान स्थानीय पत्रकार संजय राणा ने मंत्री से विकास कार्यों पर सवाल पूछा तो पहले मंत्री ने नाराजगी भरे लहजे में पत्रकार को धमकाने की कोशिश की और बाद में भाजपा युवा मोर्चा के जिला महामंत्री शुभम राघव ने पत्रकार के खिलाफ मंत्री के कार्यक्रम में हंगामा करने, मारपीट, गाली गलौज और धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज करा दिया. जिसके बाद पुलिस ने बिना देर किए संजय राणा को गिरफ्तार कर लिया. 


मंत्री से सवाल पूछने पर पत्रकार गिरफ्तार


संजय राणा का कहना है कि उसे तो सिर्फ मंत्री जी से विकास कार्यों को लेकर सवाल किया था. जो सवाल उसने पूछे उसका वीडियो भी उसके पास है, लेकिन मंत्री जी सवाल करने की वजह से उसे गिरफ्तार किया गया था. इस घटना का वीडियो भी अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. जिसके बाद सपा ने भी इसे अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर किया और बीजेपी पर हमला बोलते हुए इसे अघोषित इमरजेंसी और तानाशाही बताया. 


इस मामले पर जब मंत्री गुलाब देवी से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया लेकिन उनका कहना है कि पत्रकार की गिरफ्तारी या मुकदमें से उनका कोई लेना-देना नहीं है. वहीं दूसरी तरफ संभल पुलिस के आला अधिकारी भी इस मामले पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है. गुलाब देवी के करीबी सूत्रों के मुताबिक वो जल्द ही इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना पक्ष रखेंगी. 


विकास कार्यों को लेकर पूछा था सवाल


इस मामले पर पत्रकार के परिजनों का कहना है कि मंत्री ने गांव के विकास के लिए बड़े-बड़े वादे किए थे और कहा कि उन्होंने 70 लाख रुपये गांव के विकास के लिए भेजे लेकिन गांव में कोई विकास कार्य नहीं हुआ. रास्तों पर कीचड़ है और आने जाने में लोगों को बहुत परेशानी होती है. गांव में सार्वजनिक सुलभ शौचालय भी नहीं है. यही बात जब गांव के स्थानीय पत्रकार ने पूछ ली तो उन्होंने संजय राणा को ही मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करा दिया. मां ने कहा कि पुलिसवाले घसीटते हुए उन्हें जीप में डालकर ले गए. संजय राणा को जमानत पर रिहा कर दिया गया है लेकिन फिलहाल ये मामला चर्चा का विषय बना हुआ है.


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