नई दिल्ली, एबीपी गंगा। देश में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 19 जून को सर्वदलीय बैठक हुई। इस बैठक में पीएम ने सभी दलों के प्रमुखों को आमंत्रित किया था, लेकिन कई दलों ने इसका बहिष्कार किया।
ये हुई शामिल, इन्होंने किया किनारा
इस बैठक में जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार, नेशनल कांफ्रेंस के फारुख अबदुल्लाह, शिरोमणि अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल, बीजू जनता दल अध्यक्ष नवीन पटनायक, पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी मौजूद हैं। वहीं, कांग्रेस, टीएमसी, सपा और बसपा ने बैठक का बहिष्कार किया है।
बनाई जाएगी समिति
सर्वदलीय बैठक के बाद सरकार कीओर से कहा गया, ' इसमें शामिल ज्यादातर पार्टियों ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का समर्थन किया है। जिसके बाद इस मुद्दे पर सभी पक्षों के साथ विचार करने के लिए एक समिति गठित की जाएगी।' बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी समिति गठित करेंगे, जो निश्चित समय-सीमा के अंदर सभी पक्षों के साथ विचार-विमर्श करके अपनी रिपोर्ट देगी।'
नवीन पटनायक ने किया समर्थन ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजद अध्यक्ष ने भी एक देश एक चुनाव का समर्थन किया है। पटनायक ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी एक देश एक चुनाव का समर्थन करेगी। वहीं, कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने एक साथ चुनाव का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि 70 साल की चुनावी यात्रा ने देशवासियों को राज्य और केंद्र सरकार के लिए होने वाले चुनाव में जनता को अंतर सिखा दिया है।
माया-अखिलेश ने किया बैठक का बहिष्कार बसपा प्रमुख मायावती ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया है। मायावती ने ट्वीट कर कहा कि बैलेट पेपर के बजाए ईवीएम के माध्यम से चुनाव की सरकारी जिद से देश के लोकतंत्र व संविधान को असली खतरे का सामना है। ईवीएम के प्रति जनता का विश्वास चिन्ताजनक स्तर तक घट गया है। ऐसे में इस घातक समस्या पर विचार करने हेतु अगर आज की बैठक बुलाई गई होती तो मैं अवश्य ही उसमें शामिल होती। इसके अलावा सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी सर्वदलीय बैठक से किनारा किया है।