प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए 100 लाख करोड़ रुपये के राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की. इस योजना का नाम ‘गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ है. इसका मकसद लॉजिस्टिक्स की लागत कम करना और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास करना है.


मोदी ने योजना के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि पीएम गतिशक्ति योजना का लक्ष्य लॉजिस्टिक्स की लागत में कमी, कार्गो हैंडलिंग क्षमता बढ़ाना और काम में तेजी लाना है.


इस योजना का उद्देश्य सभी संबंधित विभागों को एक डिजिटल मंच पर जोड़कर परियोजनाओं को अधिक शक्ति और गति देना है.


विपक्ष पर लगाया आरोप -


मोदी ने आरोप लगाया कि पूर्व में विकास कार्यों में सुस्ती के साथ टैक्स पेयर के पैसे का सही इस्तेमाल नहीं किया जाता था और विभाग अलग-अलग काम करते थे, परियोजनाओं को लेकर उनमें कोई तालमेल नहीं था इसलिए काम देरी से पूरे होते थे.


उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के बिना विकास संभव नहीं है और सरकार ने अब इसे समग्र रूप से विकसित करने का संकल्प लिया है.


प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि गतिशक्ति मास्टर प्लान सड़क से लेकर रेलवे, उड्डयन से लेकर कृषि तक सभी परियोजनाओं के समन्वित विकास के लिए विभिन्न विभागों को आपस में जोड़ता है.


पिछले सालों से बेहतर हुई है विकास की गति -


प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि उनकी सरकार के तहत भारत जिस गति और पैमाने को देख रहा है, वह आजादी के पिछले 70 वर्षों में कभी नहीं देखा गया था.


उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पहली अंतर-राज्यीय प्राकृतिक गैस पाइपलाइन 1987 में चालू की गयी थी. तब से 2014 तक, 15,000 किलोमीटर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का निर्माण किया गया था. इस समय 16,000 किलोमीटर से अधिक नयी गैस पाइपलाइन का निर्माण किया जा रहा है. इसी तरह पीएम मोदी ने अन्य विभागों के भी उदाहरण दिए.


मोदी ने कहा कि पिछले सात वर्षों में डेढ़ लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क से जोड़ा गया है जबकि 2014 से पहले के पांच वर्षों में केवल 60 ग्राम पंचायतों में यह सुविधा थी. 


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